नई दिल्ली। वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन के बीच तनाव में कमी देखने को मिली रही हैं। वहीं कम होते तनाव के बीच चीन ने पहली बार माना है कि गलवान घाटी (Galwan Valley) में उसके भी सैनिक मारे गए थे। गलवान घाटी में भारतीय सेना के साथ हुए संघर्ष में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के चार सैनिकों की मौत हो गई थी और एक के घायल होने की सूचना मिली थी। चीन ने शुक्रवार को पहली बार इन्हें सम्मानित किया है। चीनी मीडिया ने इसकी जानकारी दी है। बता दें कि गलवान घाटी में दोनों पक्षों के बीच पिछले साल हुई हिंसा में भारत ने अपने 20 सैनिकों को खो दिया था। जबकि चीन में कभी भी मारे गए सैनिकों की संख्या घोषित नहीं की।
चीनी मीडिया चाइना ग्लोबल टेलीविजन नेटवर्क (सीजीटीएन) ने दावा किया है कि पीएलए के पांच सैनिकों को मानद उपाधि और प्रथम श्रेणी के मेरिट प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया है। इसमें कहा गया कि जून, 2020 में सीमा पर हुए एक संघर्ष के दौरान चार चीनी सैनिकों को मरणोपरांत मानद उपाधियों और प्रथम श्रेणी के योग्यता पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जिसकी घोषणा शुक्रवार को केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) ने की।
China on Friday unveiled, for the first time, names and detailed stories of four martyrs who sacrificed their lives in the border confrontation with India in the Galwan Valley in June 2020, to commemorate their sacrifice for defending national sovereignty and territory. pic.twitter.com/v9UoXXSNSr
— Global Times (@globaltimesnews) February 19, 2021
स्थानीय मीडिया ने कहा, राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्र की रक्षा के लिए शहीदों के बलिदान को याद करते हुए सीएमसी ने पहली बार उनके नाम और वीर गाथाओं का अनावरण किया है।
Chinese top military body Central Military Commission awards 4 Chinese soldiers who lost their lives in the Galwan clash pic.twitter.com/JZ3ZeeIpWK
— ANI (@ANI) February 19, 2021
इसमें कहा गया, “चेन होंगजुन को राष्ट्रीय क्षेत्र की रक्षा के लिए ‘नायक’ की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है। चेन जियानगॉन्ग, जिओ सियुआन और वांग जुओरन को प्रथम श्रेणी के मेरिट उद्धरण से सम्मानित किया गया है। टकराव के दौरान जवानों का नेतृत्व करते हुए कर्नल क्यूई फेबाओ गंभीर रूप से घायल हो गए थे। क्यूई को नायक कर्नल की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है।”
अभी कुछ समय पहले भारतीय सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाई.सी. जोशी ने रूस की एक एजेंसी के हवाले से दावा किया था कि 15 जून, 2020 को 45 चीनी पीएलए सैनिक मारे गए थे।