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लद्दाख में पीछे हटा चीन तो बदल गए पाकिस्तान के सुर, अमन और शांति का छेड़ा राग

pakistan imran khan

नई दिल्ली। लद्दाख के पास भारत-चीन सीमा विवाद में चीन के पीछे हटते ही पाकिस्तान के भी सुर बदल गए हैं। अब पाकिस्तान ने भी अपनी तरफ से कहा है कि, हम तो शांति चाहते हैं। बता दे कि लद्दाख में चीनी सेना के 2 किलोमीटर पीछे हटने के बाद पाकिस्तान को भी समझ में आ गया है कि भारत से मुकाबला आसान नहीं है।

पाकिस्तान के बैकफुट होने का एक उदाहरण ये भी कि पाकिस्तानी उच्चायोग के दो अधिकारियों को जासूसी के आरोप में भारत से निष्कासित किए जाने के बाद आक्रामक नज़र आ रहा पाकिस्तान अब शांति और सद्भावना की बात कर रहा है। दरअसल जिस चीन के भरोसे पाकिस्तान उछलकूद करता रहता है, जब वो चीन ही सीमा से पीछे हटने को मजबूर है तो फिर पाकिस्तान की क्या बिसात?

गुरुवार को पाकिस्तान ने कहा कि हम भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव नहीं चाहते हैं और इसके लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। पाकिस्तान ने अपने दोनों जासूसों को भी ‘निर्दोष’ बताया है।

पाकिस्तान विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता आइशा फारुकी ने कहा, ‘पाकिस्तान की तनाव बढ़ाने की कोई मंशा नहीं है। हमने संयम बरतते हुए प्रतिक्रिया दी है। हालांकि राजनयिक नियमों का उल्लंघन और भारत का लगातार आक्रामक रवैया क्षेत्रीय शांति एवं सुरक्षा के लिए खतरा है।’ पाकिस्तान ने गुरूवार को कहा कि उसने नयी दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के दो अधिकारियों को जासूसी के आरोप में भारत से निष्कासित किए जाने के मद्देनजर पड़ोसी देश के साथ तनाव बढ़ने से रोकने के लिए ‘संयम बरतते हुए प्रतिक्रिया’ दी है।

फारुकी ने दोहराया कि पाकिस्तानी अधिकारियों पर लगाए गए आरोप ‘झूठे’ एवं ‘बेबुनियाद’ हैं। उन्होंने भारत पर नियंत्रण रेखा पर ‘बिना उकसावे के गोलीबारी’ करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पाकिस्तान ‘किसी भी आक्रामक कार्रवाई के खिलाफ अपना बचाव करने के लिए तत्पर है।’ उन्होंने चीन एवं भारत के बीच तनाव संबंधी प्रश्न के उत्तर में कहा कि पाकिस्तान चीन एवं भारत की सीमा के पास हालात पर नजर रखे हुए है और उसे उम्मीद है कि यह मामला आपसी सहमति से सुलझा लिया जाएगा।

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