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पाकिस्तानः मौलानाओं ने दी इमरान खान को चेतावनी, मस्जिदों में नमाज़ शुरू करो वरना…

imran khan on india

लाहौर। कोरोनावायरस के कहर से पूरी दुनिया पस्त हो चुकी है। बड़ी से बड़ी महाशक्तियां इस महामारी के आगे घुटने टेक रही हैं। वही वह सभी शक्तिशाली देश जो अपने सर्वोत्तम स्वास्थ्य सुविधाओं की बात करते थे। वह भी कोविड-19 की चपेट में बुरी तरह से आए हैं।तो वहीं दूसरी तरफ कोरोनावायरस का कहर उन देशों पर भी टूटा है जो पहले से ही अपनी आर्थिक परिस्थितियों और सामाजिक ढांचे की वजह से कमजोर थे। ऐसे देशों में ईरान पाकिस्तान जैसे देश शामिल हैं।

पाकिस्तान में हर रोज़ कोरोना संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं, वहीं मुस्लिम कट्टरपंथी लगातार मस्जिदों में फिर से नमाज़ शुरू करने पर अड़े हुए हैं। पाकिस्तान के टॉप 53 मुस्लिम धर्मगुरुओं ने इमरान सरकार के लिए चेतावनी जारी कर दी है. इन्होने रमजान के दौरान मस्जिदों में ‘तरावीह’ की इजाजत मांगी है।

मस्जिद में तरावीह करने के लिए इजाजत मांगने के बाद पाकिस्तान के मशहूर मदरसे वफाकुल मदारिस अल अरबिया ने सोमवार को इमरान सरकार के लिए चेतावनी जारी कर कहा कि अब मस्जिदों में इकठ्ठा होने और नमाज़ पढ़ने पर लगा प्रतिबंध जल्द से जल्द हटा देना चाहिए। सबको पता है कि पाकिस्तान में धर्म की सत्ता अपने आप में एक बड़ा स्थान रखती है यही वजह है कि पाकिस्तान में सरकार भी धर्म के आगे काफी झुकती है।

इसलिये सोशल डिस्टेंसिंग की सलाह को ताक पर रखकर सोमवार को रावलपिंडी और इस्लामाबाद से आए देश के टॉप 53 मुस्लिम धर्मगुरु दारूल उलूम जकारिया में इकट्ठे हुए। डॉन की एक रिपोर्ट के मुताबिक इसमें देश के कई मुस्लिम सम्प्रदायों के सदस्य, कुछ प्रतिबंधित संगठनों के सदस्य और कई राजनीति से जुड़े चेहरे भी शामिल हुए।

गौरतलब है कि पाकिस्तान में इससे पहले तबलीगी जमात की एक सभा में डेढ़ लाख के करीब लोग इकट्ठे हुए थे। जिसके बाद वहां के प्रशासन ने बमुश्किल उन लोगों को वहां से हटाया था। लेकिन इसके बावजूद भी तबलीगी जमात से जुड़े हुए कई सारे केस पाकिस्तान में सामने आए थे। यह भी देखने को मिला था कि तबलीगी जमात की वजह से कोरोना संक्रमण पाकिस्तान में तेजी से बढ़ रहा था।

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