नई दिल्ली। 1947 में अंग्रेजों से मिली आजादी के बाद से ही पाकिस्तान कश्मीर पर नापाक नजरें गड़ाए हुए बैठा है। जबतक कश्मीर को अलग राज्य का दर्जा प्राप्त था तबतक पाकिस्तान अपनी दहशतगर्दी हरकतों को सरहद पार से खूब अंजाम देता था।
लेकिन अब कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लिए जाने के बाद पाकिस्तान के आतंकी हुक्मरान अपनी नीच साजिशों को अंजाम नहीं दे पा रहे हैं। इस बीच पाकिस्तान के आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा ने भी ये मान लिया है कि पाकिस्तान कश्मीर को वैश्विक मुद्दा बनाने में नाकाम रहा।
पाकिस्तान के आर्मी प्रमुख कमर जावेद बाजवा ने ईद के मौके पर नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास स्थित पूना सैक्टर का दौरा किया। इस मौके पर भी उन्होंने कश्मीर का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर को वैश्विक मुद्दा बनाने में नाकाम रहा। जबकि भारत दुनिया को अपनी बात समझाने में कामयाबी मिली। लिहाजा वैश्विक समुदाय का ध्यान कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन और हिंसा से हट गया है।
बीते कुछ दिनों में सीमापार घुसपैठ की घटनाओं में इजाफा हुआ है। कश्मीर में 3 मई को मुठभेड़ में भारतीय सेना के कर्नल आशुतोष समेत 5 जवानों के शहीद होने के बाद भारत ने सख्त रुख अख्तियार किया है। मई में सुरक्षाबल 3 बड़े एनकाउंटर कर चुके हैं। यह भी रिपोर्ट्स आई थीं कि भारत की कार्रवाई की डर से पाकिस्तान एयरफोर्स ने अपनी सीमा में गश्त बढ़ा दी है। इन्हीं सब के चलते बाजवा नियंत्रण रेखा पर जायजा लेने गए थे।
कश्मीर विवादित हिस्सा
बाजवा के मुताबिक- ‘‘कश्मीर विवादित हिस्सा है। भारत ने उसे हमेशा हिस्सा बताया। भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर से राज्य का दर्जा छीनते हुए उसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया। वहां से 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 भी हटा दिया, जबकि यह नैतिक और संवैधानिक रूप से सही था। हम कश्मीरियों के साथ इस बार भी भाईचारे से ईद मना रहे हैं। कश्मीर में भी भारत ने लॉकडाउन कर रखा है ताकि हिंसक गतिविधियों को अंजाम दिया जा सके।’’ बाजवा ने यह भी कहा कि पाकिस्तान आर्मी को खतरों को लेकर सतर्क है। सुरक्षा को लेकर हम देश की उम्मीदों पर खरा उतरेंगे।
मंत्री के बयान का भी जिक्र किया
बाजवा ने पाकिस्तान के सूचना मंत्री शिबली फराज के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान के लोग कश्मीरियों पर ढाए जा रहे जुल्मों को नहीं भूलेंगे। शिबली ने ट्वीट किया था- ‘‘कश्मीर पर हिंदुत्ववादी मोदी सरकार ने कब्जा कर लिया है। इससे पूरी दुनिया के सामने संकट खड़ा हो गया है।’’
The brazen Comission of war crimes in IOJK by Hindutva Supremacists Modi regime is a direct challenge to world’s conscience. 2/2
— Senator Shibli Faraz (@shiblifaraz) May 24, 2020
कश्मीर में बीते 13 दिन में 3 बड़े एनकाउंटर
19 मई, श्रीनगर: सुरक्षाबलों ने डाउनटाउन इलाके में हिजबुल
मुजाहिदीन 2 आतंकियों को मार गिराया। इसमें से एक जुनैद सहराई था जो अलगाववादी संगठन तहरीक-ए-हुर्रियत प्रमुख मोहम्मद अशरफ सहराई का बेटा था।
16 मई, डोडा: सुरक्षाबलों ने डोडा के खोत्रा गांव में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी ताहिर को 5 घंटे चली मुठभेड़ में मार गिराया था।
6 मई, पुलवामा: सुरक्षाबलों ने हिजबुल मुजाहिदीन के टॉप कमांडर रियाज नायकू को मारा गिराया था। वह दो साल से मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में शामिल था। वह बीमार मां से मिलने पुलवामा के गांव बेगपोरा आया था। पुलिस को इस गांव में नायकू और उसके कुछ साथियों की मौजूदगी का इनपुट मिला था।