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भारत में चल रहे किसान आंदोलन में पाक ने ली रुचि, अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के दखल की हुई मांग

Farmer Protest Imran khan

नई दिल्ली। भारत में कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान संगठनों के आंदोलन में अब पाकिस्तान भी कूदने की कोशिश कर रहा है। बता दें कि पाक का फिलहाल इससे कोई सीधा मतलब तो नहीं है लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के खिलाफ प्रोपेगैंडा चलाने के लिए पाकिस्तान में मांग की जा रही है कि इस मामले में अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडेन दखल दें। बता दें कि 26 जनवरी को दिल्ली में लाल किले पर हुई नापाक हरकत को लेकर पाक का भी कनेक्शन सामने आया था। ऐसे में किसान आंदोलन में पाकिस्तान ने अपनी रुचि बढ़ाते हुए इस मामले में अमेरिका को दखल देने की मांग की है। बता दें कि पाकिस्तान के विदेश मामलों की संसदीय समिति ने 26 जनवरी को दिल्ली में हुए विरोध-प्रदर्शनों की तारीफ की और संघर्ष कर रहे सिख किसानों के साथ अपनी एकजुटता दिखाई है। गुरुवार को हुई बैठक समिति की इस बैठक में सरकार से कहा गया कि भारत की तरफ से हो रहे मानवाधिकार उल्लंघन के मुद्दे को इमरान खान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की सरकार और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों के सामने उठाए।

‘RSS भारत सरकार में अतिवाद की जड़ है’

बता दें कि गुरुवार को इस्लामाबाद में पार्लियामेंटरी हाउस में हुई समिति की बैठक हुई थी। जिसकी अध्यक्षता सांसद मुशैद हुसैन सैय्यद ने की। करीब साढ़े तीन घंटे चली इस बैठक में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी मौजूद थे। विदेश मामलों की संसदीय समिति ने कहा, ‘आरएसएस जो भारत सरकार में अतिवाद की जड़ है, उसे पाकिस्तान की सरकार हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर बेनकाब करने को लेकर सुनिश्चितता तय करे।’

भारत पर लगाए ये आरोप

समिति ने कहा, ‘नई दिल्ली में लाल किले पर सिख किसानों ने अपना पवित्र झंडा फहराया और उनके प्रतिरोध का जरिया एक पाकिस्तानी गाना है। ये समिति सभी सिख किसानों के साथ है।’ RSS पर आरोप लगाते हुए इस समिति ने कहा कि, ‘आरएसएस के अतिवाद के हाथों जिन किसानों और अन्य समुदाय के लोगों की जानें गई हैं, उनके परिवारों के प्रति हम अपनी संवेदना जाहिर करते हैं।’ समिति में कहा गया कि, भारत में साल 2019 में 10 हजार से अधिक किसानों ने आत्महत्या कर ली और कई मुस्लिमों को उनके धर्म की वजह से निशाना बनाया गया। हम चाहते हैं कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद, यूरोपीय यूनियन की कोर्ट, यूरोपीय संसद और अमेरिका की बाइडेन सरकार के सामने इमरान सरकार मानवाधिकार उल्लंघन के इन गंभीर मुद्दों को उठाए।’

खुद को बताया आतंकवाद से ग्रस्त

वहीं बैठक के अंत में विदेश मंत्री कुरैशी ने समिति को एक डोजियर सौंपते हुए भारत को आतंक को बढ़ावा देने वाला देश बताया।  इतना ही नहीं पाक ने खुद को आतंकवाद से पीड़ित देश करार दिया है।

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