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Pakistan: पाकिस्तान में जारी बवाल के बीच शहबाज सरकार का बड़ा कदम, लागू की धारा 144, बुलाई बड़ी बैठक

imran khan

नई दिल्ली। कहते हैं कि समय बड़ा बलवान होता है, यकीन ना हो तो हमारे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को ही देख लीजिए। कभी प्रधानमंत्री की कुर्सी पर विराजमान रहने वाले इमरान खान को जब एनएबी के कर्मियों ने गिरफ्तार किया तो पूरे देश में भूचाल मच गया। इमरान के समर्थकों ने सड़कों पर आकर जमकर बवाल काटा। किसी ने सरकारी संपत्तियों को क्षति पहुंचाई तो किसी ने सड़कों पर आगजनी की। इस बवाल की जद में आकर पाकिस्तान की सड़कें लाशों से पट गई। सेना, पुलिस सहित अन्य सुरक्षाबल भी इस बवाल को रोक पाने में नाकाम रहे। वहीं अब इमरान को जमानत तो मिल चुकी है, लेकिन अभी-भी उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। अब ऐसे में आगामी दिनों में उनके खिलाफ क्या कुछ कार्रवाई की जाती है। इस पर नजरें बनी रहेंगी, लेकिन उससे पहले आपको बता दें कि पाकिस्तान की मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए लाहौर में आगामी 7 दिनों तक के लिए धारा 144 लागू कर दी गई है।

वहीं, माना जा रहा है कि अगर मौजूदा स्थिति में कोई सुधार नहीं देखा गया तो पाकिस्तान के अन्य इलाकों में धारा 144 लागू करने पर विचार किया जा सकता है। इसके अलावा पाकिस्तान की मौजूदा स्थिति के आलोक में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने आगामी 16 मई को नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की बैठक भी बुलाई है, जिसमें कई बड़े फैसले लेने की संभावना जताई जा रही है। उधर, पीटीआई के समर्थकों ने दो टूक कह दिया है कि अब अगर इमरान को गिरफ्तार किया गया तो पाकिस्तान की स्थिति ऐसी हो जाएगी जिसकी कल्पना कभी किसी ने नहीं की होगी। वहीं, पीटीआई के इन अलफ्जों को ध्यान में रखते हुए शहबाज शरीफ के लिए यह जरूरी हो जाता है कि वो कई भी कदम उठाने से पहले एक बार नहीं, बल्कि कई बार सोचे और इसके बाद अपने किसी विचार को मूर्त रूप दें।

विदित हो कि गत दिनों रिहा होने के बाद इमरान ने अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील की थी, जिसे ध्यान में रखते हुए यह कहने में कोई गुरेज नहीं होना चाहिए कि अगर आगामी दिनों में पाकिस्तानी हुकूमत की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया, तो स्थिति बिगड़ सकती है। बता दें कि बीते दिनों इमरान खान को अल कादिर मामले में गिरफ्तार किया गया था जिसके बाद उनके समर्थकों ने देशभर में जमकर बवाल काटा था। वहीं, उक्त मामले में गिरफ्तारी के बाद इमरान को तोशाखाना मामले में दोषी करार दिया गया था।

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