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पाकिस्तान में इमरान सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग, चीन के खिलाफ भी लगे नारे

Imran Khan

नई दिल्ली। पाकिस्तान(Pakistan) में इमरान खान(Imran Khan) सरकार को अब पीओके में विरोध झेलना पड़ रहा है। बता दें कि पाकिस्‍तान अधिकृत कश्‍मीर (PoK) की जनता ने इस्लामाबाद (Islamabad) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। दरअसल इमरान खान ने चीन को खुश करने के चक्कर में लगातार पीओके के संसाधनों को बर्बाद करने में लगे हुए हैं। इसी को लेकर पीओके(PoK) की राजधानी मुजफ्फराबाद में सोमवार को एक बार फिर से बड़ी संख्‍या में लोगों ने इस इलाके में चीनी की ओर से बनाए जा रहे विशाल बांधों का जमकर विरोध किया।

इस दौरान लोगों ने टॉर्च रैली निकालकर नीलम-झेलम नदियों पर बनाए जा रहे बांधों का विरोध किया। बता दें कि बीते कुछ महीनों से बड़ी संख्‍या में लोगों ने मुजफ्फराबाद शहर के अंदर चीन के इन प्रोजेक्ट्स का भारी विरोध कर रहे हैं। प्रदर्शन के दौरान पीओके के लोगों ने खुद को बचाए रहने के नारे लगाए। उन्होंने कहा कि नीलम-झेलम पर बांध न बनाओ और हमें जिंदा रहने दो।

बता दें कि प्रदर्शनकारियों ने कहा कि इन बांधों से पर्यावरण को बहुत नुकसान पहुंचा है। पाकिस्‍तान में ट्विटर पर हैशटैग #SaveRiversSaveAJK से लगातार लोग ट्वीट करके अपना विरोध जता रहे हैं। लोगों का आरोप है कि पाकिस्‍तान और चीन संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्‍तावों का उल्‍लंघन कर रहे हैं।

प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि कोहाला प्रॉजेक्‍ट के खिलाफ प्रदर्शन तब तक जारी रखना चाहिए जब तक इसे रोक नहीं दिया जाता। भारत के साथ पूर्वी लद्दाख में सीमा पर तनाव के बीच चीन और पाकिस्तान ने आपस में अरबों डॉलर का समझौता किया है। पाकिस्तान के हिस्से वाले कश्मीर (PoK) के कोहोला में 2.4 अरब डॉलर के हाइड्रो पावर प्रॉजेक्ट के लिए यह समझौता हुआ है। यह प्रॉजेक्ट बेल्ट ऐंड रोड इनिशिएटिव (Belt and Road Initiative) का हिस्सा है जिसके जरिए यूरोप, एशिया और अफ्रीका के बीच कमर्शल लिंक बनाने का उद्देश्य है। इस प्रॉजेक्ट की मदद से देश में बिजली सस्ती हो सकती है।

पाकिस्तान की सरकार ने सोमवार को कश्मीर के सुधानोटी जिले में झेलम नदी पर आजाद पट्टान हाइड्रो प्रॉजेक्ट का भी ऐलान किया है। यह बांध चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे का हिस्सा है। इस प्रॉजेक्ट को कोहाला हाइड्रोपावर कंपनी ने डिवेलप किया है जो चीन की तीन गॉर्गेज कॉर्पोरेशन की इकाई है। समझौते पर दस्तखत के समारोह में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी और चीन के राजदूत याओ जिंग शामिल थे। पीएम के स्पेशल असिस्टेंट असीम सलीम बाजवा ने इस डील को मील का पत्थर बताया है।

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