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Tension On Taiwan: पेलोसी के दौरे से बौखलाए चीन ने सेना से ताइवान को चौतरफा घेरा, अमेरिका ने दी ये चेतावनी

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ताइपे/वॉशिंगटन। अमेरिकी संसद की प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी के दौरे के बाद अब ताइवान पर चीन के हमले का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। चीन की सेना के तीनों अंगों ने आज से 7 अगस्त तक ताइवान के चारों तरफ युद्धाभ्यास करना शुरू किया है। इस युद्धाभ्यास के दौरान ताइवान के ऊपर से भी चीन की मिसाइलें दागी जाएंगी। चीन ने नागरिक विमानों की उड़ान इस इलाके से न करने की चेतावनी भी दी है। कुल मिलाकर चीन ने फिलहाल अपनी सेना के जरिए ताइवान को करीब-करीब घेर रखा है। इससे पहले बुधवार को पेलोसी के ताइवान से जाते ही चीन के 27 लड़ाकू विमान ताइवान की उड़ान सुरक्षा सीमा में दाखिल हुए थे।

ताइवान के प्रति चीन के इस आक्रामक रुख को देखते हुए व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव केरिन ज्यां पियरे ने चेतावनी देने के अंदाज में कहा कि पेलोसी के दौरे को चीन संकट में बदलने की कोशिश न करे। वहीं, ताइवान ने कहा है कि वो हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। ताइवान के मुताबिक उसने चीन के किसी भी संभावित हमले को रोकने के लिए अपनी सेना को हाई अलर्ट पर रखा है। मिसाइल और विमान रोधी सुरक्षा कवच को सक्रिय किया है और अपनी नौसेना को भी गश्त लगाने के लिए कहा है। फिलहाल चीन के जहाज या विमान ताइवान की हवाई या समुद्री सीमा में नहीं घुसे हैं। बता दें कि चीन लगातार नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे का विरोध कर रहा था। उसने ताइवान समर्थक अमेरिका को चेतावनी भी दी थी कि आग से खेलने वालों के हाथ जल जाते हैं।

ताइवान दक्षिण-पूर्वी चीन से करीब 100 मील दूर एक द्वीप है। ताइवान खुद को संप्रभु राष्ट्र मानता है। ताइवान में लोगों की चुनी हुई सरकार है। वहीं, चीन की सरकार ताइवान को अपने देश का हिस्सा बताती है। चीन इस द्वीप को फिर से अपने नियंत्रण में लेना चाहता है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ताइवान के चीन से फिर एकीकरण की जोरदार वकालत करने वाले नेताओं में शामिल हैं। एक समय ताइवान चीन का ही हिस्सा हुआ करता था।

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