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जाते-जाते चीन को खून के आंसू रुला गए ट्रंप, चीनी सेना से जुड़े 9 और कंपनियों का किया ये हाल

Trump jinping

नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी से अपने पद से हट जाएंगे। ऐसे में उनकी जगह नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन लेंगे। वहीं ट्रंप ने जाते-जाते चीन का काम तमाम करने की मंशा साफ कर दी है। दरअसल ट्रंप ने अपनी विदाई से पहले ही चीन को सबक सिखाते हुए नौ और चीनी कंपनियों को ब्लैक लिस्ट कर दिया है। बता दें कि इन कंपनियों को लेकर अमेरिका ने राष्ट्र सुरक्षा के लिए खतरा बताया है, जिसके बाद इसे ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है। गौरतलब है कि यह कार्रवाई अमेरिकी रक्षा विभाग ने गुरुवार को की है। ब्लैकलिस्ट किए गए कंपनियों में चीन की अग्रणी फोन निर्माता कंपनी शाओमी भी शामिल है। जून 2020 में अमेरिकी रक्षा विभाग ने कांग्रेस को ऐसी कंपनियों की प्रारंभिक सूची जारी की थी जिन्हें असैनिक फर्म के रूप में संचालन करते समय सैन्य संबंध माना जाता है। वहीं दिसंबर 2020 में  इस लिस्ट में अधिक कंपनियों के नाम शामिल हो गए।

वहीं अमेरिका ने अपने इस कदम में चीन को सख्त संदेश देने की कोशिश की है। बता दें ट्रंप के कार्यकाल के आखिरी दिनों में उठाए गए इस कदम से चीन को बड़ा झटका लगा है। गुरुवार की अद्यतन सूची के साथ अब 40 से अधिक कंपनियां हैं जिन्हें  ब्लैक लिस्ट में डाल दिया गया है। अमेरिकी रक्षा विभाग ने अतिरिक्त “कम्यूनिस्ट चीनी सैन्य कंपनियों” के नाम संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से परिचालन के लिए इश्यू  किए गए। बता दें कि वित्तीय वर्ष 1999 में संशोधित किए गए राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण अधिनियम की धारा 1237 की वैधानिक आवश्यकता के अनुसार ये कदम उठाया गया है।

गौरतलब है कि ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश पर पिछले साल नवंबर में हस्ताक्षर किए थे जिसने ब्लैकलिस्टेड फर्मों में अमेरिकियों को निवेश करने से रोक दिया था। इन कंपनियों के शेयरों के मालिकों को 11 नवंबर 2021 तक इनसे छुटकारा पा लेना चाहिए। ब्लैकलिस्ट करने को लेकर रक्षा विभाग ने अपने बयान में कहा कि, “पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (पीआरसी) की सैन्य-नागरिक संलयन विकास रणनीति को हमारा डिपार्टमेंट उजागर करने और उसका मुकाबला करने के लिए संकल्पित है, जो उन्नत प्रौद्योगिकियों और विशेषज्ञता हासिल करने और विकसित करने के लिए अपनी पहुंच सुनिश्चित करके पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के आधुनिकीकरण लक्ष्यों का समर्थन करता है। उन पीआरसी कंपनियों, विश्वविद्यालयों और अनुसंधान कार्यक्रमों का जो नागरिक निकाय प्रतीत होते हैं।”

ब्लैकलिस्ट किए गए कंपनियों में..

 

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