News Room Post

Congress: अब इन राज्यों में जागा कांग्रेस का हिंदू प्रेम, BJP की पिच पर खेलकर भी नहीं हो रहा फायदा

Rahul Gandhi

नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। एक वक्त में जब पूरे देश में कांग्रेस का डंका बजा करता था। लेकिन आज कांग्रेस की ऐसी दुर्दशा हो गई है कि पार्टी महज 2 राज्यों में तक सीमित रह गई है। आज़ादी के बाद से ही कांग्रेस ने अपनी छवि को सेक्युलर बनाए रखने की पूरी कोशिश की और सेक्युलर भी ऐसी कि हिंदू के मसले पर उदासीनता और मुस्लिम समुदाय के मुद्दों पर मुखर होती रही है। आलम ये है कि सेक्युलर बनाए रखने के चक्कर में कांग्रेस पार्टी की दशा ऐसी हो गई है कि संसद में प्रमुख विपक्षी दल बनने के भी लाले पड़ गए हैं। वहीं कई राज्यों में उनकी सरकार नहीं बची और जिन राज्यों में बची थी उन्हें भी पार्टी में आपसी फूट के चलते वहां से भी हाथ से धोना पड़ा।

वहीं भाजपा जो कभी एक सीट वाली पार्टी हुआ करती थी आज पूरे देश में उनका कमल खिलाता दिखाई दे रहा है। हर चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा और हिंदुत्व की राजनीति ने भाजपा को लोकसभा से लेकर विधानसभा में चुनाव में जीत का जबरदस्त परचम लहराया है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी भी राजनीति में अपनी छवि बदलने का प्रयास कर रही है। कांग्रेस पार्टी अब सॉफ्ट हिंदुत्व का कार्ड खेलने की कोशिश में लग गई है। दरअसल, राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार अब हिंदुत्व का कार्ड खेलने का प्रयास कर रही है। राज्य में पहली बार पहली बार देवस्थान के अधीन प्रत्यक्ष प्रभार के मंदिरों में रामनवमी पर रामायण पाठ और हनुमान जयंती पर सुंदरकांड पाठ करने जा रही है। इस संबंध में शासन सचिव (देवस्थान) ने नोटिस भी जारी किया हैं।

इसके अलावा मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस के अंदर हिंदुत्व का राग अलापने की कोशिश की गई। कुछ दिनों पहले कांग्रेस ने मध्यप्रदेश में अपने पदाधिकारियों, विधायकों एवं कार्यकर्ताओं को रामलीला, राम कथा सुंदरकांड एवं हनुमान चालीसा का पाठ करने के निर्देश दिए थे, जिससे लोगों में अपनी पैठ और मजबूत किया जा सके। मगर कांग्रेस के विधायक आरिफ मसूद ने ही पार्टी के इन निर्देशों पर सवाल उठा दिए।

उधर, छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की भूपेश बघेल सरकार को भी साल 2023 में विधानसभा चुनाव से पहले भगवान राम की याद आई है। छत्तीसगढ़ सरकार ने राम वन गमन पथ उत्सव (Ram Van Gaman Path) मनाने जा रही है। जिस प्रदेश से प्रभु श्री राम के वनवास का नाता रहा अब उनसे जुड़ी यादों को संजोया जा रहा है। अब बघेल सरकार अगले साल होने वाले चुनाव में इसे मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही है।

खास बात ये भी है कि जिन राज्यों में कांग्रेस सॉफ्ट हिंदुत्व का कार्ड खेलने जा रही है। उसमें दो राज्यों में कांग्रेस की सरकार है। इसके अलावा 2023 के आखिर में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनाव भी होने हैं। ऐसे में जनता को लुभाने के लिए कांग्रेस पार्टी अब हिदुंत्व का कार्ड खेलने की कोशिश में लग गई है। लेकिन ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या आखिर कांग्रेस की भक्ति जागने के बाद जनता उनका साथ देंगी? क्या पार्टी इन तीनों राज्यों की जनता सत्ता पर काबिज होने देंगे?

आपको बता दें कि इससे पहले पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने हिंदू कार्ड खेलने की कोशिश की। इतना ही नहीं प्रियंका गांधी कई मंदिरों में पूजा अर्चना करने भी पहुंची। इसके अलावा राहुल गांधी चुनावी रैली में खुद को हिदुंत्ववादी बताने की कोशिश में लगे हुए थे। मगर इसका फायदा कांग्रेस पार्टी को नहीं हुआ उल्टा पार्टी का प्रदर्शन और भी खराब रहा।

Exit mobile version