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Maharashtra: शरद पवार ने भतीजे अजित पवार के अरमानों पर फेरा पानी, सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल फटेल को बनाया कार्यकारी अध्यक्ष

नई दिल्ली। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया है। जिसे अजीत पवार के लिए झटका माना जा रहा है। दरअसल, अजीत पवार यह आस लगाए बैठे थे कि उन्हें पार्टी की ओर से कोई बड़ा पद दिया जाएगा, लेकिन अफसोस ऐसा हो नहीं पाया। उनके चाचा शरद पवार ने सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर यह साफ कर दिया है कि वो अपने भतीजे पर फिलहाल किसी भी प्रकार की मेहरबानी बरसाने वाले नहीं हैं। बता दें कि इससे पहले जब शरद पवार ने एनसीपी अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दिया था, तो माना जा रहा था कि यह पद अजीत पवार को सौंपा जाएगा।

हालांकि, पवार ने मीडिया से बातचीत के दौरान स्पष्ट कर दिया था कि उन्हें अध्य़क्ष बनने की कोई लालसा नहीं है, लेकिन महाराष्ट्र  की राजनीति को गहराई से समझने वाले लोगों का कहना है कि अजीत पवार बेशक मीडिया के सामने यह दावा करें कि उन्हें पद की लालसा नहीं है, लेकिन अंदर ही अंदर वो इस पद की कमान अपने हाथों में लेना चाहते थे, लेकिन अफसोस शरद पवार ने उनके अरमानों पर पानी फेरते हुए सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया। सनद रहे कि इससे पहले जब  शरद पवार ने अपने पद से इस्तीफा दिया था, तो पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनसे भावुक अपील की थी कि वो अपने पद पर बने रहे। उनके बिना एनसीपी अधूरी है। वहीं, कार्यकर्ताओं की भावुक अपील के बाद शरद पवार ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया था। जिस पर अजीत पवार ने दो टूक कह दिया था कि वो अपने चाचा के फैसले पर कुछ कहना नहीं चाहेंगे। वहीं, अब सुप्रिया सुले की बात करें, तो उन्हें महाराष्ट्र के साथ-साथ हरियाणा की भी कमान सौंपी गई है। जिससे पार्टी में उनका कद बढ़ा है। उनकी अहमियत बढ़ी है। यह जिम्मेदारी मिलने के बाद सुप्रिया सुले ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि एनसीपी की कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने पर मैं शरद पवार सहित सभी वरिष्ठ नेताओं के प्रति अपना आभार व्यक्त करती हूं। मैं पार्टी को मजबूत करने की दिशा में लगन से काम करूंगी और  मेरी यही कोशिश रहेगी कि पार्टी को मजबूत किया जा सकें।

वहीं, शरद पवार ने इस खास मौके पर कहा कि वर्तमान में राजनीतिक परिदृश्य के मद्देनजर सभी पार्टियों को एक साथ एक छत  के तले आना होगा, तभी बीजेपी की तानाशाही प्रवृत्ति के खिलाफ मोर्चा खोला जा सकेगा। पवार ने आगे कहा कि आगामी 23 तारीख को हम सब बिहार में प्रस्तावित विपक्षी दलों की बैठक में शिरकत करने जा रहे हैं। उस बैठक में हम केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोेलने की दिशा में पूरी रूपरेखा तैयार करेंगे। ध्यान दें कि इससे पहले विपक्षी दलों की संयुक्त बैठक 13 जून को प्रस्तावित थी, लेकिन कुछ नेताओं के व्यस्त होने की वजह से तारीख में बदलाव किया गया। बहरहाल, अब आगामी विपक्षा दलों की बैठक में क्या कुछ फैसला लिया जाता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। वहीं, आपको बता दें कि इससे पहले शरद पवार ने इस्तीफे के बाद 16 सदस्यीय समिति का गठन किया था। इस समिति को एनसीपी का अध्यक्ष चुनने की जिम्मेदारी दी गई थी। बहरहाल, अब आगामी दिनों में महाराष्ट्र की राजनीति में जारी उथल-पुथल को ध्यान में रखते हुए एनसीपी की ओर से क्या कुछ फैसला लिया जाता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

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