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India-Russia Relation: मोदी सरकार की 2 बड़ी कूटनीतिक जीत, पहले अमेरिका ने दिया कच्चे तेल पर साथ, अब रूस बोला- पाक के मुकाबले भारत की दोस्ती हमारे लिए अहम

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नई दिल्ली। कूटनीति के मोर्चे पर एक ही दिन भारत को दो अच्छी खबरें मिली हैं। पहले अमेरिका ने साफ कर दिया कि रूस से कच्चा तेल खरीदने के मामले में वो भारत पर प्रतिबंध नहीं लगाएगा। अब रूस ने कहा है कि भारत उसका पुराना दोस्त है और पाकिस्तान की वजह से इस दोस्ती में वो दरार नहीं आने देगा। भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलिपोव ने ये बात कही है। अलिपोव ने कहा कि भारत से दोस्ती की वजह से रूस ने पाकिस्तान से रक्षा संबंध नहीं बनाए। उन्होंने ये भी कहा कि रूस कोई ऐसा कदम नहीं उठाएगा, जिससे भारत को किसी तरह का नुकसान हो।

भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलिपोव।

इससे पहले रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो के दौरे के बाद बयान दिया था कि नियमित सैन्य गतिविधियों में पाकिस्तान को उनका देश समर्थन देता रहेगा। माना जा रहा है कि लावरोव के इस बयान के बाद भारत की ओर से उच्चस्तर पर मामला उठाया गया। जिसके बाद रूस ने अब सफाई दी है कि पाकिस्तान के मुकाबले वो भारत से पुरानी दोस्ती को तरजीह देता है। इससे भारत और रूस के बीच दोस्ती और मजबूत होगी। बता दें कि रूस पहले कई बार पाकिस्तान के साथ सैन्य अभ्यास भी कर चुका है। तब भारत ने सार्वजनिक तौर पर इस संबंध के बारे में कुछ नहीं कहा था।

भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलिपोव ने ये भी कहा कि उनका देश भारत को कच्चे तेल की सप्लाई जारी रखेगा। अलिपोव ने कहा कि हम भारत से संबंधों में अलग-अलग पक्ष लाना चाहते हैं। इसके लिए सभी चीजों के आयात और निर्यात की राह सुगम रखेंगे। उन्होंने कहा कि भारत-रूस के रिश्ते किसी देश के खिलाफ नहीं, बल्कि अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए हैं। रूसी राजदूत ने ये भी कहा कि उनका देश भारत और चीन के बीच रिश्ते सुधारना चाहता है। उन्होंने हालांकि माना कि एलएसी की समस्या काफी मुश्किल भरी है।

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