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Madhya Pradesh Assembly Election: मध्यप्रदेश में 2018 में कांग्रेस ने बनाई थी सरकार, लेकिन सिंधिया की बगावत ने बीजेपी को दिला दी थी सत्ता

shivraj singh chauhan and kamalnath

भोपाल। मध्यप्रदेश में भी अन्य 4 राज्यों के साथ विधानसभा चुनाव होने हैं। यहां बीजेपी सत्ता में बने रहने के लिए कांग्रेस से मुकाबला कर रही है। वहीं, कांग्रेस 2020 में हुए सत्ता परिवर्तन का बदला लेने की तैयारी कर रही है। मध्यप्रदेश विधानसभा के 2018 के चुनावों की बात करें, तो तब यहां कांग्रेस को 230 में से 114 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। कांग्रेस ने तब यहां बीजेपी को सत्ता से हटाया था। बीजेपी को 2018 में मध्यप्रदेश में 109 सीटें ही मिली थीं। इसके अलावा बीएसपी को 2, सपा को 1 और 4 निर्दलीयों को भी 2018 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल हुई थी।

साल 2020 में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बगावत कर दी। वो बीजेपी में शामिल हो गए। ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में जाते ही उनके करीबी 25 कांग्रेस विधायकों ने भी पाला बदल लिया था। ये सभी विधानसभा से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो गए थे। कांग्रेस में बगावत हुई, तो तत्कालीन सीएम कमलनाथ ने विधानसभा में शक्ति परीक्षण से पहले इस्तीफा दे दिया। इसके बाद एक बार फिर शिवराज सिंह चौहान ने बतौर सीएम मध्यप्रदेश की सत्ता संभाली। जिसके बाद से वो अब तक राज्य के सीएम हैं।

2018 के मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव की खास बात वोटों का प्रतिशत भी था। बीजेपी को कांग्रेस से ज्यादा वोट मिले थे, लेकिन उसने सत्ता गंवा दी थी। बीजेपी को 41 फीसदी वोट मिले थे। जबकि, कांग्रेस को 40.9 फीसदी वोट हासिल हुए थे। सिंधिया की बगावत के बाद जो उपचुनाव हुआ, उसमें बीजेपी को 19 और कांग्रेस को 9 सीटें मिली थीं। सिंधिया के साथ बीजेपी में शामिल होने वाले 25 विधायकों में से 18 दोबारा चुन लिए गए थे। जबकि, 7 अन्य को पराजय का सामना करना पड़ा था। इस बार भी यहां बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही मुकाबला होना तय है।

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