नई दिल्ली। मज़दूरों के लिए बसों का हल्ला करने वाली कांग्रेस की असलियत सामने आ रही है। पहले जिन बसों की सूची दी, उनमें ऑटो, साइकिल रिक्शा, एंबुलेंस आदि शामिल थी। अब नया मामला सामने आया है। कांग्रेस ने दावा करने के बावजूद बसें नहीं भेजीं। इस बात की गवाही खुद गाजियाबाद के आरटीओ ने दी है।
कांग्रेस ने दावा किया था कि बसें खड़ी हैं लेकिन यूपी सरकार परमिशन नहीं दे रही है। लेकिन गाजियाबाद के आरटीओ आर.आर सोनी ने साफ किया कि अभी तक एक भी बस नहीं आई है। गाजियाबाद आरटीओ ने बताया कि उनके पास 500 बसों की जानकारी थी। उन्होंने इंतजामात भी कर लिए थे। शहर में दो जगह बसों को रखने और उनके सैनिटाइजेशन की व्यवस्था की गई थी। ये बसें साहिबाबाद बस डिपो और इंदिरापुरम रामलीला मैदान में इकट्ठा होनी थीं।
दोनों ही जगह कर्मचारी तैनात किए गए थे। दोनों जगहों पर 3-3 शिफ्ट में परिवहन विभाग के कर्मचारियों को तैनात किया गया था। लेकिन कोई बस नहीं आई। इसके बाद कर्मचारियों को हटा दिया गया। इन बसों की साफ-सफाई की योजना थी। इन्हें सैनिटाइज करने के बाद जिन जगहों पर मजदूर रुके हैं, वहां भेजने का प्लान था। पर बस आई ही नहीं।
इस बीच नोएडा पुलिस को खबर मिली कि 50-60 लोग एक्सप्रेस-वे पर बसें लेकर खड़े हैं, जो एक राजनीतिक दल से संबंध रखते हैं। पुलिस के मुताबिक ये लॉकडाउन और धारा 144 का उल्लंघन है, ऐसे में 50 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है।