नई दिल्ली। हर्ष मन्दर की मुसीबत बढ़ने वाली है। दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर उनके खिलाफ कार्यवाही की बात की है। दिल्ली पुलिस ने उन पर कोर्ट की अवमानना का आरोप लगाया है। इस हलफनामें में पुलिस ने कहा है कि हर्ष मन्दर ने जामिया में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान लोगों को हिंसा के लिए उकसाया।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि हर्ष मन्दर ने सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी कर कोर्ट की अवमानना की है। उनके खिलाफ अवमानना की सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। सोनिया गांधी के करीबी पूर्व आईएएस अधिकारी हर्ष मंदर नौकरी छोड़ने के बाद सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में काम का दावा करते हैं। वे सोनिया गांधी की अगुवाई वाली यूपीए (2004-2014) सरकार के दौरान नेशनल एडवाइजरी कौंसिल (एनएसी) के सदस्य भी थे। सोनिया गांधी इस एनएसी की चेयरपर्सन थीं।
अब फ़ैसला संसद या SC में नहीं होगा। SC ने अयोध्या और कश्मीर के मामले में secularism की रक्षा नहीं की। इसलिए फ़ैसला अब सड़कों पर होगा।
This man Harsh Mander, who wrote the draconian CVB, is in HC to get FIRs against people for hate speech… And a judge gave him midnight hearing! pic.twitter.com/zrXYyBxfE3
— Amit Malviya (@amitmalviya) March 4, 2020
हर्ष मन्दर ने दिल्ली हिंसा में भड़काऊ भाषण देने के मामले में भाजपा नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। मगर इस बीच उनका विवादास्पद वीडियो सामने आ गया। इस वीडियो में हर्ष मंदर ने कहा था, ‘अब फैसला संसद या सुप्रीम कोर्ट में नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट ने एनआरसी, अयोध्या और कश्मीर के मामले में इंसानियत, समानता और सेक्युलरिज्म की रक्षा नहीं की। इसलिए फैसला अब सड़कों पर होगा।’
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें फटकारते हुए कहा था कि हम आपकी याचिका नहीं सुनेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने यह बात याचिकाकर्ता हर्ष मंदर के बारे में तब कही जब सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका का विरोध करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता हर्ष मंदर ने शाहीन बाग में जाकर प्रदर्शनकारियों को भड़काने का काम किया।