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Maharashtra: महा विकास अघाड़ी में बढ़ा बवाल, सीएमओ सोशल मीडिया पर औरंगाबाद को लिखा गया संभाजीनगर तो बिफर उठी कांग्रेस

नई दिल्ली। महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी की सरकार चल रही है। इस सरकार के तीन घटक दल कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी में किसी ना किसी बात को लेकर लगातार आर-पार की जंग जारी रहती है। अब ताजा मामला शहर के नाम बदलने को लेकर है। हुआ ये कि महाराष्ट्र सीएमओ के सोशल मीडिया हैंडल पर राज्य के एक शहर औरंगाबाद को लेकर संभाजीनगर नाम का अल्लेख किया गया। इसके बाद तो महा विकास अघाड़ी के दल ही इसका विरोध करने लगे। औरंगाबाद के संभाजीनगर लिखे जाने को लेकर सबसे ज्यादा आपत्ति कांग्रेस ने जताई है।

मामला यह था कि मुख्यमंत्री कार्यालय महाराष्ट्र की तरफ से राज्य मंत्रिमंडल के फैसलों को लेकर एक ट्वीट किया गया, जिसमें औरंगाबाद का संभाजीनगर के रूप में उल्लेख किया गया। यह बात महा विकास आघाड़ी सरकार में शामिल कांग्रेस को रास नहीं आई।

आपको बता दें कि औरंगाबाद का नाम बदलने की मांग शिवसेना पिछले कुछ दशकों से कर रही है। शिवसेना चाहती है कि औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर कर दिया जाए। लेकिन शिवसेना ने इस मांग को गलत समय पर दोहरा दिया क्योंकि वह राज्य में कांग्रेस के साथ गठबंधन में सरकार चला रही है। और यह वही कांग्रेस है जो शिवसेना के इस प्रस्ताव का लगातार विरोध करती रही है। कांग्रेस का यह मानना है कि महा विकास अघाड़ी के न्यूनतम साझा कार्यक्रम में औरंगाबाद शहर का नाम बदले को लेकर कुछ शामिल ही नहीं है।

बुधवार को महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल की बैठक हुई जिसमें फैसले लिए गए जिसके बारे में कहा गया कि “संभाजीनगर (औरंगाबाद) में सरकारी मेडिकल कॉलेज में अतिरिक्त 165 बेड और 360 नए पदों के निर्माण को मंजूरी दी गई है।” यह ट्वीट मराठी में किया गया था जिसके बाद यह बवाल शुरू हो गया। इसके साथ ही औरंगाबाद एयरपोर्ट का नाम बदलकर संभाजीनगर एयरपोर्ट किए जाने को लेकर भी ट्वीट किया गया। यही बात कांग्रेस को नहीं अच्छी लगी और पार्टी की तरफ से शिवसेना के इस फैसले का विरोध शुरू हो गया।

इसके बाद इसका विरोध करते हुए महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख बालासाहेब थोराट ने लिखा कि शहरों का नाम बदलने से विकास नहीं आ सकती है। उनकी पार्टी इस तरह के किसी भी प्रयास का विरोध करती है। इसके बाद उन्होंने एक के बाद एक तीन ट्वीट किए और लिखा कि “सूचना और प्रचार निदेशालय को अपनी ओर से शहरों का नाम नहीं बदलना चाहिए। यह याद रखना चाहिए कि आधिकारिक काम एक कानूनी दस्तावेज है। शहरों का नाम बदलना एमवीए सरकार के साझा न्यूनतम कार्यक्रम (सीएमपी) के एजेंडे में शामिल नहीं है।” अपने दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा कि ‘‘हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हम किसी भी शहर का नाम बदलने का विरोध कर रहे हैं, ताकि सामाजिक सद्भाव कायम रहे।’’ इसके साथ ही अपने तीसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा कि, “छत्रपति शंभाजी महाराज हमारे पूजनीय हैं। उनके नाम पर राजनीति करने से बचें। आइए औरंगाबाद के विकास के लिए मिलकर काम करें।” ये सारे ट्वीट उन्होंने मराठी भाषा में ही किए थे।

इससे पहले शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में भी औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर करने को लेकर एक लेख लिखा था, जिसमें कहा गया था कि पार्टी जल्दी ही औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर करने जा रही है। इसके बाद भी जमकर महा विकास अघाड़ी के दलों के बीच बवाल हुआ था। अब एक बार फिर इस मामले ने तुल पकड़ लिया है।

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