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Jaishankar On Agreement With China: ‘एलएसी पर कुछ भी हो सकता था, चीन से अभी सबकुछ नहीं सुलझा’, विदेश मंत्री जयशंकर का बयान

Jaishankar On Agreement With China: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि भारत और चीन के सैनिकों को हटाना पहला चरण है और भारत उस स्तर तक पहुंचने में सफल रहा है। उन्होंने कहा कि एलएसी पर कुछ भी हो सकता था। विदेश मंत्री ने और क्या कहा, ये आप इस खबर में पढ़िए।

पुणे। भारत और चीन के बीच 2020 से चल रहे लंबे गतिरोध के खत्म होने के आसार उस वक्त दिखे, जब दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख में गश्त फिर से शुरू करने संबंधी समझौता हुआ। अब विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि भारत और चीन के सैनिकों को हटाना पहला चरण है और भारत उस स्तर तक पहुंचने में सफल रहा है। उन्होंने कहा कि एलएसी पर कुछ भी हो सकता था। जयशंकर ने पुणे में शनिवार को एक कार्यक्रम में कहा कि भारत और चीन के बीच सबकुछ हल नहीं हुआ है और अब हम अगले कदम पर विचार कर सकेंगे। उन्होंने भारत और चीन के बीच समझौते का श्रेय सेना को भी दिया।

विदेश मंत्री ने कहा कि देश की रक्षा के लिए सेना बहुत ही अकल्पनीय हालात में एलएसी पर मौजूद थी और उसने अपना काम किया। उन्होंने कहा कि कूटनीति ने भी अपना काम किया। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि हम आज अगर यहां तक पहुंचे, तो इसकी वजह ये कि हम अपनी बात पर अड़े रहे और उसे रखने की बहुत दृढ़ कोशिश की। एस. जयशंकर ने कहा कि 21 अक्टूबर को भारत और चीन में जो समझौता हुआ, उसके बाद देपसांग और डेमचोक में गश्त होगी। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और चीन के संबंधों को सामान्य, भरोसे को कायम और साथ मिलकर काम करने में अभी वक्त लगेगा।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बताया कि दोनों देशों की सेना के बीच जून 2020 में गंभीर संघर्ष हुआ था और एलएसी पर आमने-सामने तैनात होने की वजह से कभी भी कुछ होने की आशंका थी। उन्होंने कहा कि सितंबर 2020 से ही हम चीन से बातचीत कर रहे थे। विदेश मंत्री जयशंकर ने बताया कि एलएसी पर गश्त रोकी जा रही थी। बीते 2 साल में भारत और चीन इसी मसले पर बात कर रहे थे। विदेश मंत्री ने कहा कि रूस के कजान में जब पीएम नरेंद्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बात की, तो ये फैसला लिया गया कि दोनों देशों के विदेश मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मिलेंगे और देखेंगे कि आगे कैसे बढ़ा जाए।

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