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सिंधु बॉर्डर पर डटे किसान, बुराड़ी जाने का केंद्र का प्रस्ताव किया नामंजूर

Live: कृषि बिल (New Farm law) के विरोध में किसानों का विराध प्रर्दशन (Farmers Protest) रविवार को भी जारी है। कृषि कानूनों के खिलाफ गाजियाबाद-दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर किसान अभी भी डटे हुए हैं।

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नई दिल्ली। कृषि बिल (New Farm law) के विरोध में किसानों का विराध प्रर्दशन (Farmers Protest) रविवार को भी जारी है। कृषि कानूनों के खिलाफ गाजियाबाद-दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर किसान अभी भी डटे हुए हैं। इतना ही नहीं पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और यूपी से आए हजारों किसान सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर इकट्ठा हैं। सभी किसान हाल ही केंद्र सरकार द्वारा पास किये गए तीन नये कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। इसी बीच रविवार को किसान संगठन के नेताओं ने बैठक की। ये बैठक इस बात को लेकर हुई कि किसान सिंधु बॉर्डर और टीकरी बॉर्डर पर बैठे रहेंगे या नहीं। जिसके बाद किसानों ने अमित शाह का प्रस्ताव ठुकरा दिया है। किसानों ने बुराड़ी जाने का प्रस्ताव ठुकरा दिया है।

अपडेट-

किसान यूनियन की प्रेस कॉन्फेंस

सिंधु बॉर्डर पर किसान यूनियन ने प्रेस कॉन्फेंस की है। जिसमें उन्होंने बताया कि उन्होंने बुराड़ी जाने का केंद्र का प्रस्ताव नामंजूर किया है। उनका कहना है कि वो जंतर-मंतर जाएंगे। उनका कहना है कि वो 4 महीने का राशन लेकर आए है। 4 महीने भी हम रोड़ पर बैठ सकते है। साथ ही बुराड़ी को ओपन जेल बताया है। सरकार द्वारा बातचीत के लिए जो कंडीशन थी हम उसे किसान संगठनों का अपमान मानते हैं। अब हम बुराड़ी पार्क में बिलकुल नहीं जाएंगे। हमें पता चला है कि वो पार्क नहीं ओपन जेल है। हम ओपन ज़ेल में जाने की बजाय 5 मेन मार्ग जाम कर दिल्ली की घेराबंदी करेंगे। इसके अलावा उन्होंने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल को हमारे मंच पर जगह नहीं दे पाएंगे।

हम बुराड़ी नहीं जाएंगेः बलदेव सिंह सिरसा

किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा बोले कि हम बुराड़ी नहीं जाएंगे। हमारे 30 किसान संगठन सर्वसम्मति से जो भी निर्णय लेंगे उसके बाद हमारे नेता आज इसके बारे में मीडिया को जानकारी देंगे।

इसके अलावा कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने गृहमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि किसान ठिठुरती ठंड में सड़कों पर बैठे हैं लेकिन गृहमंत्री कहते हैं कि उनके पास बतचीत का समय नहीं पहले बुराड़ी आओ। अगर आप 1200 कि.मी. दूर हैदराबाद में जनसभा को संबोधित करने जा सकते हैं तो 15 कि.मी. दूर शंभू बॉर्डर पर किसानों से बातचीत करने क्यों नहीं।

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि किसानों को शक है कि अगर वो बुराड़ी जाएंगे तो जो प्रेशर है वो कम हो जाएगा। उनका ये संदेह सही भी हो सकता और गलत भी। ऐसे में सरकार को अड़ियल रवैया नहीं अपनाना चाहिए। किसानों की मांगें जायज़ हैं। उनसे बात करके रास्ता निकालना चाहिए।

किसान नेता हरमीत सिंह कादियां ने कहा कि हमने फैसला लिया कि सभी बॉर्डर और रोड ऐसे ही ब्लॉक रहेंगे। गृह मंत्री ने शर्त रखी थी कि अगर हम मैदान में धरना देते हैं तो वो तुरंत मीटिंग के लिए बुला लेंगे। हमने शर्त खारिज़ कर दी है। अगर वो बिना शर्त के मीटिंग के लिए बुलाएंगे तो ही हम जाएंगे।

किसान बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड में नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों की बैठक चल रही है।

कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा) पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है।

कृषि कानूनों के खिलाफ गाज़ियाबाद-दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है।

शिवसेना नेता संजय राउत ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से किसानों को दिल्ली में आने से रोका गया है ऐसा लगता है कि वे देश के किसान नहीं बल्कि बाहर के किसान है। उनके साथ आतंकवादी जैसा बर्ताव किया गया है। इस तरह का बर्ताव करना देश के किसानों का अपमान करना है।

कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर किसान प्रदर्शनकारी अभी भी डटे हुए हैं। किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए बॉर्डर पर बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात है।

सिंघु बॉर्डर(दिल्ली-हरियाणा) पर किसानों के विरोध प्रदर्शन की वजह से यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, यात्रियों को कई किलोमीटर पैदल भी चलना पड़ रहा है। एक यात्री रामू ने बताया, “सारा रास्ता जाम है, 5-6 किलोमीटर पैदल आया हूं।”

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