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चिट्ठी विवाद ने बदल दी कांग्रेस की तस्वीर, गुलाम नबी आजाद ने उठाई थी पार्टी आलाकमान के खिलाफ आवाज तो मिली ये सजा…

Sonia, Rahul and Ghulam

नई दिल्ली। कांग्रेस वर्किंग कमेटी (Congress Working Committee) की बैठक में भले ही नए अध्यक्ष पद को लेकर बात नहीं बन पाई हो लेकिन आज कांग्रेस पार्टी (Congress Party) ने अपनी कोर टीम में परिवर्तन कर दिया है। कई नए चेहरों को इसमें जगह दी गई है तो वहीं कई ऐसे चेहरों से पार्टी ने किनारा किया जिन्होंने पार्टी की अहम बैठक से पहले सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के नाम पत्र लिखा था। कुछ दिन पहले ही पार्टी की तरफ से उत्तर प्रदेश को लेकर भी कांग्रेस की टीम की घोषणा की गई थी। जिसमें राजबब्बर सरीखे वरिष्ठ नेताओं को जगह नहीं दी गई थी। इससे पहले ही पार्टी में अंदरूनी कलह साफ देखने को मिल रही है। गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) सरीखे वरिष्ठ नेताओं से राहुल गांधी (Rahul Gandhi) इस चिट्ठी प्रकरण के बाद नाराज नजर आए थे। उसका असर भी इस नई टीम के गठन में साफ नजर आ रहा है।

वहीं इस पूरे मामले में जहां एक तरफ कांग्रेस पार्टी की तरफ से नई टीम की घोषणा की गई है वहीं पार्टी के गुलाम नबी आजाद जैसे नेताओं को उनके द्वारा पार्टी आलाकमान के खिलाफ आवाज उठाने की वजह से पार्टी की इस पूरी टीम से बाहर रखा गया है। एआईसीसी में किए गए इस बड़े फेरबदल में गुलाम नबी आजाद, मोतीलाल वोहरा, अंबिका सोनी, मल्लिकार्जुन खड़गे, लुजिन्हो फलेरियो को पार्टी के जेनरल सेक्रेटरी के पदभार से बाहर रखा गया है। गुलाम नबी आजाद को पार्टी महासचिव के पद से तो हटाया गया उनके पास हरियाणा का प्रबार भी थी। उनके जगह पर राहुल गांधी के करीबी रणदीप सिंह सुरजेवाला को स्थान दिया गया है। उनका कद अब पार्टी में बड़ा हो गया है।


इतना ही नहीं सुरजेवाला केवल कांग्रेस महासचिव के पद पर ही नहीं रहेंगे बल्कि सुरजेवाला अब कांग्रेस अध्यक्ष को सलाह देने वाली उच्च स्तरीय छह सदस्यीय विशेष समिति का हिस्सा होंगे। इसके साथ ही उन्हें कर्नाटक का प्रभारी बनाया गया है। इसके साथ ही पार्टी ने मधुसूदन मिस्त्री को केंद्रीय चुनाव समिति का अध्यक्ष बनाया है। साथ ही प्रियंका गांधी को यूपी का प्रभारी बनाया गया है। इसके अलावा केसी वेणुगोपाल को पार्टी के संगठन की जिम्मेदारी दी गई है।

जानकारी के मुताबिक कांग्रेस महासचिवों में मुकुल वासनिक को मध्य प्रदेश की, हरीश रावत को पंजाब की, ओमान चांडी को आंध्र प्रदेश की, तारीक अनवर को केरल और लक्षद्वीप की, जितेंद्र सिंह को असम की, अजय माकन को राजस्थान की जिम्मेदारी दी गई है।

इसके अलावा जितिन प्रसाद को कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का प्रभारी बनाया है। संगठन में यह उनके लिए बड़ी उछाल मानी जा रही है। बता दें कि विवादास्पद चिट्ठी पर दस्तखत करने वाले नेताओं में जितिन प्रसाद भी थे।

ताजा बदलाव के बाद पवन कुमार बंसल सचिव प्रभारी प्रशासन होंगे। इसके अलावा राहुल के वफादार मनकीम टैगोर को तेलंगाना का प्रभारी सचिव नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही पार्टी ने कई और फेरबदल किए हैं। जिसकी सूची यहां संलग्न की जा रही है जिससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि पार्टी में चिट्ठी विवाद के बाद ऊपजे हालात ने किस तरह से कई बड़े नेताओं को जिम्मेदारी से मुक्त किया गया है।

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