News Room Post

Congress: गुलाम नबी आजाद ने एक बार फिर पार्टी के हालात का किया जिक्र, कहा कांग्रेस 72 साल के सबसे नीचले पायदान पर

नई दिल्ली। दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण और कोरोनावायरस के मामलों के बीच कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को डॉक्टरों की सलाह के बाद दिल्ली छोड़कर गोवा जाना पड़ा है। इससे पहले लगातार यह खबर आती रही है कि सोनिया गांधी अस्वस्थ हैं। ऐसे में पार्टी के अंदर एक तरह का कलह भी देखने को मिलता रहा है। जबकि कांग्रेस के अंदर हाल के दिनों की स्थिति को देखें तो आपको पता चलेगा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पार्टी के अंदर पनप रहे हालातों से असंतुष्ट नजर आ रहे हैं। बिहार चुनाव में पार्टी को मिली हार के बाद सोनिया गांधी ने कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की तीन कमेटियां बनाई हैं। जिसमें गुलाम नबी आजाद सहित पार्टी के चार असंतुष्ट नेताओं को तो जगह मिल गई लेकिन कपिल सिब्बल को अभी भी इस कमेटी से बाहर रखा गया है। बिहार में पार्टी की बूरी हार के बाद कपिल सिब्बल ने नेतृत्व पर सवाल उठाए थे। हालांकि पी चिदंबरम और उनके सुपुत्र कार्ति चिदंबरम ने भी ऐसे ही सवाल उठाए थे। लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेता और गांधी परिवार के बेहद करीबी माने जानेवाले सलमान खुर्शीद ने इनको आड़े हाथों लिया। अब गुलाम नबी आजाद की तरफ से भी पार्टी के काम करने के तरीके को लेकर कुछ बातें कही गई है।

बता दें कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की तबीयत लगातार खराब रहने के बाद जल्द ही पार्टी के नए अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया को पूरा करने का दबाव भी बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस पार्टी के बीच इससे पहले भी अंदरूनी कलह खुलकर तब सामने आ गई थी जब पार्टी के 23 वरिष्ठ नेताओं ने सोनिया गांधी के नाम पत्र लिखा था। इन 23 नेताओं ने पत्र के जरिए सोनिया से मांग की थी कि पार्टी CWC सदस्यों का चुनाव कराया जाए और साथ ही पार्टी को एक स्थायी अध्यक्ष का चुनाव भी करने की कोशिश करनी होगी ताकि पार्टी की स्थिति को मजबूत किया जा सके।

अब ऐसे में कांग्रेस पार्टी के अंदर चल रहे खींचतान के बीच गुलाम नबी आजाद ने जो बयान दिया है वह पार्टी के लिए चिंता बढ़ानेवाली है। गुलाम नबी आजाद के बयान की मानें तो पार्टी 72 साल के सबसे नीचले पायदान पर पहुंच गई है। वह तो यह तक कह गए कि पिछले दो कार्यकाल के दौरान कांग्रेस के पास लोकसभा में विपक्ष के नेता तक का पद तक नहीं बचा है।

गुलाम नबी आजाद ने आगे कहा कि मैं #COVID महामारी के कारण गांधी परिवार को क्लीन चिट दे रहा हूं क्योंकि वे अभी बहुत कुछ नहीं कर सकते। हमारी मांगों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। वे हमारी अधिकांश मांगों के लिए सहमत हो गए हैं। यदि वे राष्ट्रीय विकल्प बनना चाहते हैं और पार्टी को पुनर्जीवित करना चाहते हैं तो हमें नेतृत्व का चुनाव करना चाहिए। हमारे लोगों का ब्लॉक स्तर पर, जिला स्तर पर लोगों के साथ कनेक्शन टूट गया है। जब कोई पदाधिकारी हमारी पार्टी में बनता है तो वो लेटर पैड छाप देता है, विजिटिंग कार्ड बना देता है, वो समझता है बस मेरा काम ख़त्म हो गया, काम तो उस समय से शुरू होना चाहिए।


गुलाम नबी आजाद ने आगे कहा कि पार्टी के पदाधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। जब तक पदाधिकारी नियुक्त नहीं किए जाते, तब तक वे सक्रिय होकर काम नहीं करेंगे। ऐसे में अगर सभी पदाधिकारी चुन लिए जाते हैं, तो वे अपनी जिम्मेदारी समझेंगे।


आगे गुलाम नबी ने कहा कि हमारा ढ़ांचा कमजोर है, हमें ढ़ांचा पहले खड़ा करना पड़ेगा। फिर उसमें कोई भी नेता हो चलेगा। सिर्फ नेता बदलने से आप कहेंगे कि पार्टी बदल जाएगी, बिहार आएगा, मध्य प्रदेश आएगा, उत्तर प्रदेश आएगा, नहीं वो सिस्टम से बदलेगा। उन्होंने आगे कहा कि 5-स्टार से चुनाव नहीं लड़े जाते। हमारे नेताओं के साथ समस्या है कि अगर टिकट मिल गया तो 5-स्टार में जाकर बुक हो जाते हैं। एयर कंडीशनर गाड़ी के बिना नहीं जाएंगे, जहां कच्ची सड़क है वहां नहीं जाएंगे। जब तक ये कल्चर हम नहीं बदलेंगे, हम चुनाव नहीं जीत सकते।

Exit mobile version