नई दिल्ली। यूपी का हाथरस इन दिनों सुर्खियों में है। तमाम विपक्षी दलों को नेता हाथरस में हुए गैंगरेप मामले में पीड़िता के घर जाने की कोशिश कर चुके हैं, लेकिन उन्हें राज्य सरकार की तरफ से परमिशन नहीं मिली। ऐसे में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी हाथरस जाने की कोशिश कर चुके हैं, लेकिन उन्हें ग्रेटर नोएडा के परी चौक इलाके में ही रोक दिया गया और गिरफ्तारी के बाद वापस दिल्ली भेज दिया गया था। इसके अलावा नोएडा पुलिस ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत 153 कांग्रेस नेताओं, 50 अज्ञात के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की थी। ऐसे में सवाल उठा कि आखिर योगी सरकार राजनीतिक लोगों को और मीडिया को गांव के अंदर क्यों नहीं जाने दे रही है। जिसके बाद हाथरस के प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा कि, SIT की जांच प्रभावित ना हो, इसके लिए ऐसी पाबंदी लगाई गई है। फिलहाल इन सारी पाबंदियों के बाद अब पीड़िता के गांव के अंदर मीडिया को जाने की इजाजत दे दी गई है।
आपको बता दें कि इसको लेकर हाथरस के SDM ने बताया कि, “SIT की जांच पूरी हो गई है इसलिए अब मीडिया पर किसी तरह की रोक नहीं है। धारा 144 अभी भी लागू है। अभी सिर्फ मीडिया को ही आने ही इजाजत है।”
वहीं कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी हाथरस जाने की जिद पर अड़ गए हैं। उन्होंने शनिवार दोपहर हाथरस जाने का ऐलान कर दिया है। इसको लेकर उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर जानकारी दी।
राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा कि, “दुनिया की कोई भी ताक़त मुझे हाथरस के इस दुखी परिवार से मिलकर उनका दर्द बांटने से नहीं रोक सकती।” राहुल ने एक और ट्वीट में लिखा कि, “इस प्यारी बच्ची और उसके परिवार के साथ UP सरकार और उसकी पुलिस द्वारा किया जा रहा व्यवहार मुझे स्वीकार नहीं। किसी भी हिन्दुस्तानी को ये स्वीकार नहीं करना चाहिए।”
वहीं योगी सरकार ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए हाथरस के पुलिस अधीक्षक, एक डीएसपी और संबंधित थाना प्रभारी को भी सस्पेंड कर दिया है। इसके अलावा राज्य सरकार ने कड़ी कार्रवाई करते हुए आरोपियों और पीड़ित पक्ष का पॉलीग्राफ और नारको टेस्ट कराने का आदेश दिया है। राज्य सरकार ने यह फैसला इस मामले की जांच कर रही SIT की पहली रिपोर्ट मिलने के बाद किया है। इसके अलावा योगी सरकार ने आला अधिकारियों पर बड़ा एक्शन लेते हुए हाथरस के पुलिस अधीक्षक, एक डीएसपी और संबंधित थाना प्रभारी को भी सस्पेंड कर दिया है।