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Gyanvapi Masjid Case: जब सुनवाई के दौरान यूपी सरकार के वकील और मुस्लिम पक्षकार के वकील बीच हुई थी तीखी बहस….जज को देना पड़ गया था दखल…!!

Heated debate while hearing : जिस पर जज ने आपत्ति जताई। इस बीच जज ने अहमदी के बोलने को जारी रखा। इसके बाद जज चंद्रचूड ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए दोनों की शांत रहने का सुझाव दिया। बहरहाल, इसम दौरान ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े तीनों ही पक्षकारों के बीच लंबी जिरह देखने को मिली है। फिलहाल शीर्ष अदालत ने मामले को जिला अदालत को भेज दिया है।

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नई दिल्ली। आज यानी की शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर सुनवाई हुई। जिमसें हिंदू, मुस्लिम और यूपी सरकार के पक्षकार ने अपने तर्क रखें। लेकिन इस बीच सुनवाई के दौरान कुछ ऐसा हुआ, जिसने एक बार फिर से पूरे देश का ध्यान खींचा। हम आपको आगे की रिपोर्ट में उस घटना के बारे में बताएंगे, जिसने पूरे देश का ध्यान खींचा है, लेकिन उससे पहले आप यह जान लीजिए कि आखिर आज सुप्रीम कोर्ट ने एक घंटे की सुनवाई के उपरांत क्या कुछ फैसला सुनाया। तो यहां हम आपको बताते चलें कि शीर्ष अदालत ने इस मामले को अब जिला अदालत को भेज दिया है। शीर्ष अदालत ने जिला जज के अनुभव को तरजीह देते हुए उक्त मसले को जिला अदालत को भेजने का निर्देश दिया है। बता दें कि किसी भी जिला अदालत के जज के पास न्यूनतम 25 वर्ष का अनुभव अनिवार्य होता है। लेकिन वर्तमान में जिला जज के पास 32 वर्ष का अनुभव हैं। इस दौरान ऐसा बहुत कुछ सुनवाई के दौरान हुआ है। जिसके बारे में हम आपको अपनी पिछली रिपोर्ट में बता ही चुके हैं। लेकिन अपनी इस रिपोर्ट हम आपको उस खास घटना के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने एक बार फिर से पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा है।

जानिए पूरा माजरा

दरअसल, कोर्ट ने सुनवाई के दौरान मामले से संबंधित सभी पक्षकार अपने तर्क पेश कर रहे थे। इस दौरान मुस्लिम पक्ष और यूपी सरकार के वकील तुषार मेहता के बीच तीखी बहस भी देखने को मिली थी। दरअसल, सुनवाई के दौरा सुप्रीम कोर्ट क जज ने मुस्लिम पक्ष के वकील से सवाल पूछा था कि जिला जज के आदेश के बाद अब वहां की स्थिति बदल गई है। तो इस पर जज चंद्रचूड ने मुस्लिम पक्ष के वकील अहमदिया से पूछा कि क्या वहां पर सुनवाई नहीं हुई, तो इस पर अहमदिया ने कहा कि नमाज तो हुई थी। लेकिन वजू नहीं हुई। जिस यूपी सरकार के पक्षकार अधिवक्ता तुषार मेहता ने आपत्ति जताते हुए कहा कि वहां नमाज भी हुई थी और वजू की समुचित व्यवस्था भी की गई थी। इसके बाद अहमदी और तुषार मेहता के बीच तीखी बहस भी देखने को मिली।

जिस पर जज ने आपत्ति जताई। इस बीच जज ने अहमदी के बोलने को जारी रखा। इसके बाद जज चंद्रचूड ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए दोनों की शांत रहने का सुझाव दिया। बहरहाल, इसम दौरान ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े तीनों ही पक्षकारों के बीच लंबी जिरह देखने को मिली है। फिलहाल शीर्ष अदालत ने मामले को जिला अदालत को भेज दिया है। अब देखना होगा कि जिला अदालत की तरफ से उक्त मसले पर क्या कुछ फैसला लिया जाता है। तब तक के लिए आप देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए आप पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट. कॉम

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