नई दिल्ली। वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के मसले पर कानूनी जंग अब दिल्ली में फोकस होने जा रही है। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन के मुताबिक सोमवार यानी कल वो सुप्रीम कोर्ट में अर्जी देने जा रहे हैं। विष्णु शंकर जैन सुप्रीम कोर्ट में अर्जी देकर ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने के एएसआई सर्वे की मांग करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने के अलावा बाकी इलाके में एएसआई का सर्वे करने पर रोक नहीं लगाई थी। बीते दिनों एएसआई की ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे रिपोर्ट कोर्ट ने हिंदू और मुस्लिम पक्ष को दे दी थी। जिसके बाद ये सार्वजनिक हो गई। एएसआई की सर्वे रिपोर्ट कहती है कि ज्ञानवापी मस्जिद के मौजूदा ढांचे से पहले उस जगह एक भव्य मंदिर था। इसी का खुलासा होने से हिंदू पक्ष काफी उत्साहित है।
हिंदू पक्ष का दावा है कि वजूखाने के टैंक में जो शिवलिंग जैसी आकृति मिली है, वो प्राचीन है। वहीं, मस्जिद पक्ष का दावा है कि ये फव्वारा है। ऐसे में हिंदू पक्ष चाहता है कि एएसआई इसकी भी वैज्ञानिक तरीके से जांच करे। विष्णु शंकर जैन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में अर्जी देकर वो अपील करेंगे कि ज्ञानवापी परिसर में इस तरह एएसआई खोदाई करे कि मौजूदा ढांचे को नुकसान भी न हो और हकीकत भी सामने आ जाए। इससे पहले एएसआई की रिपोर्ट में बताया गया है कि ज्ञानवापी मस्जिद के पश्चिम यानी पीछे की दीवार प्राचीन मंदिर का हिस्सा है। रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि मस्जिद को बनाने में पुराने मंदिर के खंबों का भी इस्तेमाल किया गया। एएसआई की रिपोर्ट में बताया गया है कि ज्ञानवापी मस्जिद से प्राचीन मूर्तियां और शिलालेख भी मिले हैं।
एएसआई से ज्ञानवापी मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट में ये जानकारी सामने आने के बाद मुस्लिम पक्ष यानी मसाजिद कमेटी के वकील ने दावा किया था कि पहले करीब में ही कुछ शिल्पकार रहते थे। उनका दावा है कि इन्हीं शिल्पकारों ने मूर्तियों को मस्जिद के प्रांगण के पास फेंका और यही मूर्तियां अब एएसआई को मिली हैं। कुल मिलाकर अब ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर कानूनी जंग और तेज होने के पूरे आसार दिख रहे हैं।