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Joshimath: ‘चारधाम मार्ग निर्माण से नहीं हुआ है जोशीमठ संकट’, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का बयान, एनटीपीसी भी कर चुका है टनल मामले में इनकार

nitin gadkari

नई दिल्ली। उत्तराखंड के जोशीमठ में भू धंसाव की वजह से लोगों का भविष्य और उनकी जान खतरे में है। 700 से ज्यादा मकानों में बड़ी दरारें पड़ चुकी हैं। बड़ी संख्या में परिवारों को उत्तराखंड सरकार ने यहां से सुरक्षित जगह भेजा है। होटल मलारी इन और होटल माउंट व्यू को ढहाने का काम भी चल रहा है। जोशीमठ के लोगों का आरोप है कि पास में एनटीपीसी की टनल और चारधाम यात्रा के लिए ऑल वेदर रोड बनाए जाने से भू धंसाव हो रहा है। एनटीपीसी ने तो पहले ही अपने टनल की वजह से जोशीमठ में हालात बिगड़ने से इनकार कर दिया था। अब केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी ऑल वेदर रोड को जोशीमठ की समस्या मानने से इनकार कर दिया है।

दिल्ली में बिजनेस टुडे के बैंकिंग एंड इकोनॉमी समिट में आए गडकरी ने कहा कि जोशीमठ में भू धंसाव का चारधाम यात्रा मार्ग बनाने से कोई लेना-देना नहीं है। गडकरी ने कहा कि जोशीमठ के हालात की वजहों का अध्ययन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जोशीमठ की समस्या वहां के चट्टानों की वजह से हो रही है। बता दें कि केंद्र सरकार गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ के लिए सभी मौसम में यात्रा करने वाली सड़क का तेजी से निर्माण करा रही है। ये सड़क नितिन गडकरी का मंत्रालय ही बनवा रहा है।

उधर, जोशीमठ में लोग डरे हुए और दुखी हैं। खतरनाक मकानों में रात गुजारने में उन्हें जान का जोखिम है। वहीं, अपनी जिंदगी भर की कमाई से बनाए मकानों को इस तरह नष्ट होते हुए वे नहीं देख पा रहे। हालांकि, उत्तराखंड सरकार ने जोशीमठ के लोगों को बाजार दर पर मुआवजा देने की बात कही है, लेकिन जोशीमठ के लोग ये समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर वो नई जगह जाएंगे, तो वहां रोजी-रोजगार का क्या होगा। तमाम लोगों के जोशीमठ में खेत भी हैं। नई जगह भी वे खेत मांग रहे हैं। कुल मिलाकर अभी हालात ऐसे हैं कि जोशीमठ के निवासियों के लिए मुश्किल का सबब बने हैं।

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