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Who was Hardeep Singh Nijjar: जानिए कौन था खालिस्तानी आतंकी हरदीप निज्जर? जिसकी गोली मारकर कर दी गई हत्या

नई दिल्ली। कहते हैं, जैसी करनी वैसी भरनी। यह कथन आजकल खालिस्तानी आतंकियों पर बिल्कुल चरितार्थ हो रही है। पिछले कुछ दिनों से लगातार खालिस्तानी आतंकियों के मारे जाने की खबरें सामने आ रही हैं। आज फिर एक ऐसी ही खबर आई। खबर कनाडा के सुरे से थी, जहां दो युवकों ने मामूली पार्किंग विवाद की वजह से खालिस्तानी आतंकी हरदीप निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी। निज्जर शुरू से ही खालिस्तानी मुल्क की पैरवी करता रहा। वह खालिस्तानी टाइगर फोर्स का प्रमुख भी था। वह भारतीय एजेंसियों की मोस्ट वांटेड लिस्ट में भी शुमार था, लेकिन इस बीच जैसे ही उसके मारे जाने की खबर आई, तो चौतरफा सनसनी मच गई। आइए, अब रिपोर्ट में आगे जानते हैं कि आखिर वो था कौन ?

खालिस्तानी आंदोलन को धार देने के मकसद से निज्जर पंजाब में टारगेट किलिंग करवाता था, ताकि राज्य में दहशत का माहौल रहे। इसके अलावा वह विदेश में भी भारत विरोधी प्रदर्शन का आयोजन करता था। इन आयोजनों में वह पंजाब के युवाओं को शामिल होने के लिए प्रेरित करता था। इन आयोजनों के जरिए वह भारत विरोधी प्रोपोगेंडा को धार देता था। निज्जर सिख फॉर जस्टिस जैसे संगठन के साथ भी मिलकर काम कर चुका है। ध्यान दें कि साल 2019 में गृह मंत्रालय ने इस संगठन को प्रतिबंधित कर दिया था।  उधर, कनाडा स्थित निज्जर के आवास को एनआईए ने भी अपने दस्तावेजों में भी सूचिबद्ध किया है। साल 2020 में उसके काले कारनामों का उजागर करते हुए पुलिस ने आरोपपत्र भी दाखिल किया था। आरोपपत्र में खुलासा किया गया  था कि मानवाधिकार के नाम पर विभिन्न देशों में  खालिस्तानी आंदोलन को धार देने के मकसद से कई कार्यालय खोले गए हैं, लेकिन बाद में उसके द्वारा संचालित किए गए सभी कार्यालयों को बंद कर दिया गया था।

हरदीप सिंह निज्जर पर एनआईए ने 10 लाख का इनाम घोषित किया था।

निज्जर की दादागिरी का अंदाजा आप महज इसी से लगा सकते हैं कि उसने सरे शहर के गुरु नानक सिख गुरुद्वारे का अध्यक्ष बनने के लिए जबरन कब्जा कर लिया था, लेकिन किसी ने भी उसकी इस हरकत की मुखालफत करने की जहमत नहीं उठाई थी। बीते एक साल में उसने भारत के महावाणिज्य दूतावासों के सामने कई विरोध प्रदर्शन किए थे। हालांकि, इससे बहले भी वो कई मर्तबा इस तरह के विरोध प्रदर्शन कर चुका था, जिसे लेकर उस पर सवाल भी उठे थे, लेकिन उसकी मौत की खबर  से खालिस्तानी कुनबे में हाहाकार मचा हुआ है। वहीं, भारत में भी लगातार खालिस्तानियों के हौसले बुलंद हो रहे हैं, जिस पर अंकुश लगाने की दिशा में सरकार अब एक्शन मोड में आ चुकी है।

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