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Jharkhand Politics: झारखंड में बुधवार को विधायक दल की बैठक, कल्पना सोरेन को बनाया जा सकता है सीएम!

नई दिल्ली। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ जमीन घोटाला मामले में ईडी लगातार शिकंजा कस रही है। कई दफा उक्त मामले में सीएम को समन जारी किया जा चुका है, लेकिन वो एक बार भी पेश नहीं हुए हैं, लिहाजा ईडी ने कड़ा रुख अख्तियार करते सीएम को समन जारी कर पूछताछ के लिए पेश होने को कहा है। इस बीच गांडेय से विधायक सरफराज अहमद ने भी विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है, जिसके बाद माना जा रहा है कि इस विधानसभा क्षेत्र में आगामी दिनों में उपचुनाव हो सकते हैं।

वहीं, खबर है कि ईडी की कार्रवाई के बीच हेमंत सोरेन सीएम पद से इस्तीफा देकर अपनी पत्नी कल्पना सोरेन के हाथों सत्ता की बागडोर सौंप सकते हैं। कल्पना सोरेन वैसे तो राजनीति में ज्यादा सक्रिय नहीं रहती हैं, लेकिन बीते दिनों उन्हें अपने पति और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ विधानसभा भवन में देखा गया था, जिसके बाद यह चर्चा शुरू हो गई थी कि प्रदेश में कोई बड़ा सियासी उलटफेर देखने को मिल सकता है। हालांकि, कल्पना सोरेन इस पूरे मुद्दे पर मीडिया के सामने कोई भी बयान देने से गुरेज कर रही हैं।

उधर, इन सभी सियासी उथल-पुथल के बीच सीएम हेमंत सोरेन ने कल यानी की बुधवार को विधायक दल की बैठक बुलाई है। जिसमें माना जा रहा है कि सर्वसम्मति से सीएम पद के लिए कल्पना सोरेन के नाम पर मुहर लग सकती है। अगर ऐसा हुआ तो प्रदेश में बड़ा सियासी परिवर्तन देखने को मिल सकता है। वहीं, हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को लेकर भी चर्चा तेज हो गई है। माना जा रहा है कि जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है। उधर, बीजेपी ने इस पूरे मुद्दे को लेकर हेमंत सोरेन पर हमलावर है, जिसमें उन्होंने कहा कि, ‘झारखंड में भी बिहार के जंगल राज के ज़माने का इतिहास दुहराने का प्रयास हो रहा है। चारा घोटालेबाज़ लालू प्रसाद जी के सारे पैंतरे फेल हो गये तो राबड़ी देवी को “खराऊ मुख्यमंत्री” बनाकर लालू जी जेल चले गये। एक के बाद एक सजा हुई। जेल जाते-आते उनकी पूरी उम्र निकल गयी। घपले-घोटाले एवं आदिवासियों की ज़मीन-जायदाद, जल, जंगल, ज़मीन, पहाड़, लूटकर थोड़े समय में ही बेहिसाब धन-दौलत जमा करने की भूख के चलते केश-मुक़दमे में फँसे सोरेन परिवार के एक्सीडेंटल राजकुमार हेमंत सोरेन के सारे पैंतरे फेल हो गये तो वे अब अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री बनाकर खुद जेल जाने की योजना बना रहे हैं। हेमंत को पता है कि जितना घोटाला और ग़लत काम वो कर चुके हैं कि अब उनके बाक़ी का जीवन जेल जाने-आने और केश मुक़दमों में ही कटेगा।

इसके अलावा जब मीडिया द्वारा सरफराज अहमद से उनके इस्तीफे के पीछे की वजह के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कोई भी टिप्पणी करने से मना कर दिया। उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि निजी कारणों की वजह से उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया है। बहरहाल, अब आगामी दिनों में सूबे का राजनीतिक परिदृश्य कैसा रहता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

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