नई दिल्ली। दिल्ली सीमा पर किसानों का प्रदर्शन जारी है, किसानों की मांग है कि मोदी सरकार हाल ही लाए गए कृषि कानूनों को वापस ले। बता दें कि सभी प्रदर्शनकारी किसान सिंधु और टिकरी बॉर्डर पर डटे हैं। किसानों के इस प्रदर्शन को अब बहुजन समाज पार्टी का भी समर्थन मिल गया है। बसपा सुप्रीमों मायावती ने अपने ट्वीट में किसानों को सपोर्ट करते हुए लिखा है कि, “केन्द्र सरकार द्वारा कृषि से सम्बन्धित हाल में लागू किए गए तीन कानूनों को लेकर अपनी असहमति जताते हुए पूरे देश में किसान काफी आक्रोशित व आन्दोलित भी हैं। इसके मद्देनजर, किसानों की आम सहमति के बिना बनाए गए, इन कानूनों पर केन्द्र सरकार अगर पुनर्विचार कर ले तो बेहतर।” वहीं कृषि कानूनों के खिलाफ गाजियाबाद-दिल्ली बॉर्डर किसान भारी संख्या में तैनात हैं। इस प्रदर्शन को लेकर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि प्रदर्शन तो रामलीला मैदान में होता है, तो हमें निरंकारी मैदान क्यों भेजा जा रहा है, जो कि एक निजी संस्था है। राकेश टिकैत ने कहा कि हमलोग आज यहीं रहेंगे।
वहीं शनिवार को गृह मंत्री अमित शाह ने किसानों से अपील करते हुए कहा था कि, “पंजाब की सीमा से लेकर दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर रोड पर अलग-अलग किसान यूनियन की अपील पर आज जो किसान भाई अपना आंदोलन कर रहे हैं, उन सभी से मैं अपील करना चाहता हूं कि भारत सरकार आपसे चर्चा के लिए तैयार है।”
Farmers continue their protest against the farm laws at Ghaziabad-Delhi border. Bharatiya Kisan Union spokesperson Rakesh Tikait says, “Protests happen at Ramlila ground, then why should we go to Nirankari Bhawan, a private facility? We will stay put here today”. pic.twitter.com/BouymsRTpx
— ANI UP (@ANINewsUP) November 29, 2020
उन्होंने कहा था कि, “3 दिसंबर को चर्चा के लिए आपको कृषि मंत्री जी ने निमंत्रण पत्र भेजा है। भारत सरकार आपकी हर समस्या और हर मांग पर विचार विमर्श करने के लिए तैयार है।” गृह मंत्री ने अपनी बात रखते हुए कहा था कि, “अलग-अलग जगह नेशनल और स्टेट हाइवे पर किसान भाई अपने ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ इतनी ठंड में खुले में बैठे हैं, इन सब से मैं अपील करता हूं कि दिल्ली पुलिस आपको एक बड़े मैदान में स्थानांतरित करने के लिए तैयार है, जहां आपको सुरक्षा व्यवस्था और सुविधाएं मिलेंगी।”
अमित शाह ने कहा था कि, अगर आप रोड की जगह निश्चित किए गए स्थान पर अपना धरणा-प्रदर्शन शांतिपूर्ण ढ़ंग से, लोकतांत्रिक तरीके से करते हैं तो इससे किसानों की भी परेशानी कम होगी और आवाजाही कर रही आम जनता की भी परेशानी कम होगी।
किसानों को लेकर शनिवार को गृह मंत्री ने कहा कि, “अगर किसान चाहते हैं कि भारत सरकार जल्द बात करे, 3 दिसंबर से पहले बात करे, तो मेरा आपको आश्वासन है कि जैसी ही आप निर्धारित स्थान पर स्थानांतरित हो जाते हैं, उसके दूसरे ही दिन भारत सरकार आपकी समस्याओं और मांगों पर बातचीत के लिए तैयार है।”