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BSP Will Not Form Alliance With Regional Parties : मायावती का ऐलान, भविष्य में क्षेत्रीय पार्टियों से बीएसपी नहीं करेगी गठबंधन

BSP Will Not Form Alliance With Regional Parties : हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीएसपी को मिली जबर्दस्त हार और उससे पहले पंजाब चुनाव के नतीजों को देखते हुए मायावती ने यह फैसला किया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी-एनडीए और कांग्रेस-इंडिया गठबंधन से पहले की तरह ही दूरी आगे भी जारी रहेगी।

नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की सुप्रीमो मायावती ने ऐलान किया है कि उनकी पार्टी भविष्य में अब किसी भी क्षेत्रीय दल के साथ गठबंधन नहीं करेगी। हरियाणा विधानसभा चुनाव में पार्टी को मिली जबर्दस्त हार और उससे पहले पंजाब चुनाव के नतीजों को देखते हुए मायावती ने यह फैसला किया है। बीएसपी सुप्रीमो का कहनाा है कि यूपी सहित दूसरे राज्यों के चुनाव में भी बीएसपी का वोट गठबंधन की पार्टी को ट्रांसफर हो जाने किन्तु उनका वोट बीएसपी को ट्रांसफर कराने की क्षमता उनमें नहीं होने के कारण अपेक्षित चुनाव परिणाम नहीं मिलने से पार्टी कैडर को निराशा व उससे होने वाले मूवमेन्ट की हानि को बचाना जरूरी है।

इसी संदर्भ में हरियाणा विधानसभा के चुनाव परिणाम व इससे पहले पंजाब चुनाव के कड़वे अनुभव के मद्देनजर आज हरियाणा व पंजाब की समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि भविष्य में अब क्षेत्रीय पार्टियों से भी गठबंधन नहीं किया जाएगा। जबकि बीजेपी-एनडीए और कांग्रेस-इंडिया गठबंधन से पहले की तरह ही दूरी जारी रहेगी। आपको बता दें कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीएसपी ने इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) से गठबंधन किया था। इस गठबंधन से बीएसपी को नुकसान हुआ, उसका वोटिंग प्रतिशत पिछली बार से कम हो गया जबकि इनेलो को गठबंधन का फायदा हुआ और उसका वोटिंग प्रतिशत तो बढ़ा ही पिछले चुनाव में एक सीट जीती थी अबकी बार दो सीट आ गई हैं।

मायावती का कहना है कि देश की एकमात्र प्रतिष्ठित अम्बेडकरवादी पार्टी बीएसपी और उसके आत्म-सम्मान व स्वाभिमान मूवमेन्ट के कारवाँ को हर प्रकार से कमजोर करने की चौतरफा जातिवादी कोशिशें लगातार जारी हैं, जिस क्रम में अपना उद्धार स्वयं करने योग्य व शासक वर्ग बनने की प्रक्रिया पहले की तरह ही जारी रखनी जरूरी है। बीएसपी विभिन्न पार्टियों और संगठनों तथा उनके स्वार्थी नेताओं को जोड़ने के लिए नहीं, बल्कि बहुजन समाज के विभिन्न अंगों को आपसी भाईचारा व सहयोग के बल पर संगठित होकर राजनीतिक शक्ति बनाने और उनको शासक वर्ग बनाने का आन्दोलन है। बीएसपी के इस आंदोलन का अब इधर-उधर में ध्यान भटकाना अति-हानिकारक है।

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