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OBC Survey Vs Caste Census: मोदी सरकार ने निकाली विपक्ष के जातिगत जनगणना की काट!, ओबीसी सर्वे कराकर मुद्दे को करेगी कुंद

modi and amit shah

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले जाति का मुद्दा गरमाया हुआ है। एक तरफ बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने जातिगत सर्वे कराकर उसके नतीजे विधानसभा में पेश किए हैं। वहीं, कांग्रेस के नेता राहुल गांधी और सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव भी जातिगत जनगणना का राग गा रहे हैं। विपक्ष का ये जाति वाला राग लोकसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा बन सकता है। इसे देखते हुए बीजेपी ने भी कमर कस ली है। अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि विपक्ष के जाति वाले मुद्दे की काट के तौर पर केंद्र की मोदी सरकार अब पिछड़ों के सर्वे का एलान कर सकती है। मोदी सरकार और बीजेपी का मानना है कि पिछड़ों के सर्वे का फैसला होने से विपक्ष का जाति वाला मुद्दा जोर का झटका खाएगा। इसकी वजह ये है कि बिहार में जो जातिगत सर्वे का नतीजा आया है, उसमें अत्यंत पिछड़ा वर्ग की संख्या कम दिखाई गई है। जबकि, यादव और मुस्लिम समुदाय के लोगों की तादाद बिहार के जातिगत सर्वे में ज्यादा है।

मोदी सरकार जातिगत सर्वे के बारे में सोच रही है, इसका पता तभी चल गया था जब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बीते दिनों कहा था कि मोदी सरकार जातिगत जनगणना के खिलाफ नहीं है। अमित शाह ने कहा था कि सरकार इस बारे में विचार कर रही है। अमित शाह ने बिहार की रैली में ये भी कहा कि जब नीतीश कुमार ने राज्य में जातिगत सर्वे का फैसला किया था, तब बीजेपी सरकार में शामिल थी और अब सर्वे की जिस रिपोर्ट को आधार बनाकर नीतीश कुमार आरक्षण बढ़ाने की बात कर रहे हैं, बीजेपी ने उसका भी समर्थन किया है। अमित शाह ने आरोप लगाया था कि बिहार के जातिगत सर्वे में अति पिछड़ा वर्ग की संख्या कम और यादव-मुस्लिम की संख्या ज्यादा इसलिए दिखाई गई, क्योंकि आरजेडी के लालू यादव को खुश करना था।

हिंदुस्तान टाइम्स ने बीजेपी के सूत्रों के हवाले से खबर में बताया है कि अब ओबीसी के सर्वे का फैसला करने से विपक्ष का मुद्दा कुंद होने के आसार हैं। अखबार से बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि कांग्रेस लगातार जातिगत जनगणना की बात इसलिए करती है, क्योंकि उसे हिंदू वोटों को बांटना है। अगर बीजेपी विरोध करेगी, तो कांग्रेस को मुद्दा बनाने का मौका मिलेगा। जबकि, ओबीसी सर्वे का फैसला होने पर कांग्रेस हिंदुओं के वोट बांट नहीं सकेगी। बता दें कि 2014 और 2019 में बड़ी तादाद में ओबीसी और एससी-एसटी ने बीजेपी को वोट दिया था। ऐसे में बीजेपी इस वोट को हाथ से निकलने नहीं देना चाहती है।

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