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Punjab: गाने के जरिए सिद्धू मूसेवाला ने पंजाब चुनाव में मिली हार का बयां किया दर्द, मच सकता है बवाल

नई दिल्ली। पंजाब के विवादित सिंगर सिद्धू मूसेवाला (Punjabi singer Sidhu Moosewala) एक बार फिर विवादों में घिर गए है। दरअसल, इस बार सिद्धू मूसेवाला ने पंजाब चुनाव में कांग्रेस पार्टी को मिली करारी शिकस्त को लेकर अपना दर्द बयां किया है। सिद्धू  मूसेवाला ने पंजाब विधानसभा चुनाव में मिली हार पर एक गाने के जरिए चुप्पी तोड़ी है। इसके साथ ही उन्होंने गाने के जरिए कांग्रेस पार्टी का दामन थामने को सही ठहराया है। इस सॉन्ग के जरिए मूसेवाला ने लोगों से ये भी पूछा की गद्दार कौन है? जिसको लेकर एक बार फिर वो मुश्किल में फंस सकते हैं। अब उनके गाने पर विवाद भी खड़ा हो सकता है। आपको बता दें कि विवादित सिंगर मूसेवाला पर सूबे में गनकल्चर को बढ़ावा देने के साथ आर्म्स एक्ट के अलावा भी कई केस चल रहे हैं।

गाने के माध्यम से मूसेवाला कह रहे है कि, मुझे बताओ की कौन गद्दार है। कौन जीत गया और कौन हार गया। इन्होंने तो किसानों को हरा दिया। गाने में खालिस्तानी लीडर सिमरजीत मान के हार का भी जिक्र किया है। आगे कहते हैं कि अब मुझे बताओ कि असल गद्दार कौन है। ऐसे बैठकर लड़ाई नहीं लड़ी जाती। जीत गया कौन हार गया कौन। मुझे बताओ कि गद्दार है कौन।”

यहां सुनिए पूरा गाना-

 

आप नेता ने सिद्धू मूसेवाला के गाने को लेकर बोला हमला-

सिद्धू मूसेवाला के गाने को लेकर अब सियासत भी तेज हो गई है। आम आदमी पार्टी के नेताओं ने मूसेवाला को लेकर कांग्रेस की खिंचाई कर डाली है। आप नेता दिनेश चड्ढ़ा ने लिखा, ”मूसेवाला चुनाव हारने के बाद लोग बुखलाते हुए तो देखे है पर किसी को पागल होते हुए पहली बार देखा है।शर्मनाकः है कि पंजाबियों से ही बड़ा नाम लेकर अब महज कुर्सी के लिए पंजाबियों को ही गदार कह रहे हो।”

बता दें कि पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले मूसेवाला ने तत्कालीन मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) और नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) की मौजूदगी में कांग्रेस पार्टी का दामन थमा था। लेकिन कांग्रेस में शामिल होने के साथ पार्टी में घमासन मच गया था। कांग्रेस नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने सिद्धू मूसेवाला को पार्टी में करने को लेकर सवाल उठाए थे। इतना ही नहीं कांग्रेस ने मूसेवाला को मनसा विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा था लेकिन उन्हें आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार के हाथों हार का सामना करना पड़ा।

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