नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दुनियाभर में भारतीय विदेश नीति की जो छाप बनाई है उसका हर कोई मुरीद है। एक बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि उनके पिता के. सुब्रह्मण्यम को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने केंद्रीय सचिव के पद से हटा दिया था। वहीं, जब राजीव गांधी का कार्यकाल था, तब भी उनके साथ अन्याय किया गया। विदेश मंत्री के पिता के. सुब्रह्मण्यम, एक आईएएस अधिकारी थे। उनकी गिनती देश के स्ट्रैटेजिक अफेयर्स एक्सपर्ट के रूप में होती थी। उन्हें देश के कई प्रधानमंत्रियों का विश्वासपात्र भी माना जाता था। सुब्रह्मण्यन सुरक्षा थिंक टैंक इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस (IDSA) के संस्थापक निदेशक थे, जिसकी अब मनोहर पर्रिकर इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस के नाम से पहचान है।
S Jaishankar : ‘मेरे पिता ने पद्यभूषण लेने से कर दिया था इनकार’.. जब एस जयशंकर ने बताई पिता के ऐसे करने की वजह
S Jaishankar : उन्हें 1951 के बैच में विधिवत भारतीय प्रशासनिक सेवा में नियुक्त किया गया और उन्हें मद्रास प्रेसीडेंसी के प्रशासनिक कैडर आवंटित हुआ। वहीं, जब 1956 में जब वह राज्य बनाया गया था तब उन्हें तमिलनाडु कैडर में ट्रांसफर कर दिया गया था।
