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Opposition Vs NDA: विपक्ष की आज से बैठक, कल एनडीए का कुनबा भी जुटेगा, जानिए अभी लोकसभा में किस खेमे की कितनी है ताकत

sonia modi

नई दिल्ली। आज से बेंगलुरु में विपक्षी दलों की 2 दिन की बैठक शुरू होने जा रही है। पटना में विपक्षी दलों ने बैठक की थी, तब 15 दलों के नेता जुटे थे। अब कहा जा रहा है कि बेंगलुरु में 24 विपक्षी दल एक साथ बैठकर बीजेपी के खिलाफ लोकसभा चुनाव की रणनीति बनाएंगे। वहीं, बीजेपी ने भी कल यानी मंगलवार को दिल्ली में एनडीए की बैठक बुलाई है। इस बैठक से पहले बीजेपी ने एनडीए के कुनबे में एक बार फिर चिराग पासवान के एलजेपी धड़े और ओमप्रकाश राजभर की सुभासपा के अलावा जनसेना को जोड़ा है। इस तरह एनडीए का कुनबा 19 दलों का बन गया है। इस तरह देखा जाए, तो एनडीए के पास फिलहाल विपक्षी गठबंधन से कम दल हैं, लेकिन लोकसभा की सीटों की बात करें, तो विपक्ष पर एनडीए भारी है।

साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के नतीजों की बात करें और 22 विपक्षी दलों के सांसदों की संख्या को देखें, तो उनकी कुल ताकत 124 है। इनमें से कांग्रेस के 52 सांसद, डीएमके के 23, टीएमसी के 22 और जेडीयू के 16 सांसद हैं। खास बात ये है कि जेडीयू ने बीजेपी के साथ रहते हुए बिहार की 16 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी। अब बात एनडीए की करें, तो उसके 19 दलों की लोकसभा में अभी 317 सांसदों की ताकत है। इनमें सबसे ज्यादा 303 सीटें बीजेपी की हैं। वहीं, एलजेपी (तब एकजुट थी) के 6 सांसद जीतकर आए थे। बाकी दलों के भी इक्का-दुक्का सांसद हैं, लेकिन इनकी संख्या नगण्य है।

दरअसल, इस बार विपक्ष और बीजेपी छोटे दलों को साथ लेकर लोकसभा का चुनाव जीतना चाहते हैं। इन क्षेत्रीय दलों की ताकत अपने-अपने खास इलाकों में काफी होती है। अगर बीजेपी 5 से 6 फीसदी अतिरिक्त वोट इन सहयोगी दलों के सहारे जुटा लेती है, तो उसे अगला लोकसभा चुनाव जीतने में भी कोई दिक्कत शायद ही हो। यही बात विपक्ष पर भी लागू होती है। विपक्ष का सारा ध्यान एक सीट के लिए एक ही उम्मीदवार पर टिका है। ये फॉर्मूला बिहार के सीएम और जेडीयू के नेता नीतीश कुमार ने दिया है, लेकिन इस पर क्षेत्रीय दल कितना सहमत होंगे और सीटों का बंटवारा किस तरह होगा, ये अभी भविष्य के गर्त में है।

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