News Room Post

Teachers Recruitment Scam: शिक्षक भर्ती घोटाले में नया खुलासा, ED सूत्रों के मुताबिक घोटाले की रकम को पार्थ और अर्पिता ने ऐसे लगाया ठिकाने

parth chatterjee and arpita mukherjee

टीचर्स भर्ती घोटाले में गिरफ्तार पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी की फाइल फोटो।

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की सियासत को हिला देने वाले शिक्षक भर्ती घोटाला में हर रोज नए और सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं। ताजा खुलासा ये हुआ है कि इस घोटाले से मिली रकम को रियल एस्टेट में लगाया गया। प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी के सूत्रों का दावा है कि हाल में सीएम ममता बनर्जी के करीबी रहे मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के घरों पर पड़े छापे में कई दस्तावेज मिले हैं। इन दस्तावेजों से पता चला है कि घोटाले की काली कमाई को रियल एस्टेट के जरिए सफेद करने का कारोबार भी किया गया। इससे अब पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी की दिक्कतें और बढ़ सकती हैं।

ईडी पहले ही अर्पिता के दो फ्लैट पर छापा मारकर करीब 50 करोड़ रुपए नकदी, विदेशी मुद्रा और कई किलो सोना बरामद कर चुकी है। अर्पिता की एक महंगी कार भी जब्त की गई है। चार और कारों की तलाश जारी है। वहीं, ममता की सरकार और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के कई और लोग भी शिक्षक भर्ती घोटाले में फंसते नजर आ सकते हैं। ईडी ने तृणमूल के नदिया से विधायक मानिक भट्टाचार्य से बीते दिनों करीब 15 घंटे तक पूछताछ की है। कुछ और टीएमसी नेताओं को भी ईडी आने वाले दिनों में तलब कर सकती है।

वहीं, टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने कहा है कि पार्थ चटर्जी ने पार्टी की बदनामी कराई। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि सबूत मिलने पर पार्थ और उसके सहयोगियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। इससे पहले साफ हो गया था कि पार्थ चटर्जी से अब ममता बनर्जी ने पूरी तरह किनारा कर लिया है। पार्टी में आवाज उठने के बाद ममता ने कैबिनेट की बैठक बुलाकर पार्थ को मंत्री पद से हटा दिया था। इसके अलावा पार्थ से पार्टी के पद भी फिलहाल छीन लिए गए हैं। बता दें कि ईडी ने पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी का जो मेमो जारी किया है, उससे पता चला था कि पार्थ ने चार बार ममता को फोन किया था, लेकिन ममता ने फोन नहीं उठाया था।

Exit mobile version