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Joshimath Sinking: जोशीमठ में घर-होटल ध्वस्त करने के फैसले के खिलाफ धरने पर बैठे लोग, उठाई मुआवजे की मांग

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नई दिल्ली। उत्तराखंड के जोशीमठ में तेजी से लोगों के मकान भू-धंसाव की चपेट में आ रहे हैं। प्रशासन की ओर से अब तक 675 मकानों को चिन्हित कर जमींदोज करने के निर्देश दिए जा चुके हैं। जोशीमठ के अलावा अन्य जिलों में भी भू-धंसाव तेजी से बढ़ रहा है। इसके अलावा जोशीमठ में स्थित होटलों को जमींदोज करने के निर्देश दिए जा चुके हैं। बुलडोजर भी तैयार बैठे हैं। खबर है कि कल इन दोनों ही होटलों को जमींदोज कर दिया जाएगा। हालांकि, होटल मालिक ने स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें इस संदर्भ में कोई नोटिस नहीं जारी किया गया है, जिसे लेकर लोगों में आक्रोश देखने को मिल रहा है। जमींदोज करने की संभावनाओं के बीच लोग विरोध प्रदर्शन करने बैठ गए हैं। इतना ही नहीं कई लोगों ने होटलों के जमींदोज करने पर विरोध में आत्मदाह की भी धमकी दे दी है।

बता दें कि होटल के अलावा जिले के 600 से भी अधिक मकानों को ध्वस्त करने के निर्देश जारी किए जा चुके हैं। लेकिन लोग सरकार के निर्देशों को मानने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं हैं। वजह बेशुमार हैं। पहली यह है कि यहां से जाएंगे कहां। कोई ठोर ठिकाना नहीं है। पूरी जिंदगी यहां बीता चुके हैं। जोशीमठ की जमीन से भावनात्मक लगाव हो चुका है। जिले में 20 हजार से भी अधिक लोगों पर बेघर होने का खतरा मंडरा रहा है।

हालांकि, सीएम धामी दौरे के दौरान स्पष्ट कर चुके थे कि जिले से पलायन करने वाले सभी लोगों को किराए के मकान में रहने के लिए चार हजार रुपए प्रतिमाह दिया जाएगा। लेकिन मीडिया से मुखातिब होने के क्रम में अधिकांश लोगों का कहना है कि सरकार जहां हमें भेज रही है, वहां हमें मूलभूत सुविधाओं से वंचित होना होगा। हमें कई दुश्वारियों का सामना करना पड़ेगा। लिहाजा हमारी सरकार से मांग है कि हमें उचित मुआवजा मुहैया कराया जाए, ताकि हम अपना शेष जीवन सुख शांति से बीता सकें। हालांकि, सरकार की तरफ से स्पष्ट किया जाएगा कि जोशीमठ से पलायन करने वाले लोगों को हर तरह की सुविधाएं प्रदान की जाएगी।

बता दें कि आज इस पूरे मामले में सुप्रीम कोर्ट का भी रुख किया गया था। दरअसल, स्वामी अवमुक्श्वेरानंद ने कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जिसमें उन्होंने मामले में कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग की थी ,लेकिन कोर्ट ने आज मामले की सुनवाई करने से स्पष्ट इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि इस समस्या से निदान के लिए राज्य सरकार हैं। अधिकारी हैं। जो इस समस्या से उचित निदान प्राप्त करने के लिए काम कर रहे हैं। इस मामले में कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की कोई आवश्यकता नहीं है। इसके अलावा पीएम मोदी भी जोशीमठ की विकराल स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।

उधर, आज रक्षा मंत्री अजय भट्ट भी जोशीमठ स्थिति का जायजा लेने पहुंचे। उन्होंने अधिकारियों को पूरी स्थिति पर नजर बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। इसके अवाला लोगों को ना घबराने की सलाह दी है। बहरहाल, अब जोशीमठ प्रकरण पर सरकार की ओर से क्या कुछ कदम उठाए जाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। तब तक के लिए आप देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट.कॉम

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