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Bihar Election: सहरसा और अररिया में जिस ठेठ बिहारी अंदाज में बोलते दिखे पीएम नरेंद्र मोदी, उसने बढ़ाई विपक्ष की चिंता

नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए के पक्ष में वोट मांगने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अररिया के फारबिसगंज और सहरसा में जनसभा को संबोधित किया। यहां वह लगातार राजद और कांग्रेस पर हमला करते रहे और एनडीए के समर्थन में मतदान करने की अपील करते नजर आए। वहीं दोनों जनसभाओं में प्रधानमंत्री का एक अलग ही रंग देखने को मिला। प्रधानमंत्री ने इन दोनों जनसभाओं में बिहार के कई प्रचलित कहावतों के जरिए विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। साथ ही वहां की महिलाओं की जीवटता का जिक्र करने से भी पीएम मोदी नहीं चुके।

आत्मनिर्भर भारत के बाद सहरसा में जनसभा के मंच से पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर बिहार का जिक्र किया उन्होंने इसको लेकर कहा कि आत्मनिर्भर बिहार यानी बिहार का आईटी हब के रूप में विकास। आत्मनिर्भर बिहार यानी बिहार में नए दुग्ध प्रोसेसिंग यूनिट का विकास। आत्मनिर्भर बिहार यानी बिहार में नए कृषि उत्पादक संघों का निर्माण। आत्मनिर्भर बिहार यानी बिहार के कुटीर उद्योगों का विकास। आत्मनिर्भर बिहार यानि स्थानीय भाषा में मेडिकल-इंजीनियरिंग की पढ़ाई।


वहीं सहरसा में प्रधानमंत्री मोदी ने निशाना साधते हुए कहा कि बिहार को जंगलराज बनाने वालों के साथी, उनके करीबी क्या चाहते हैं, आपको पता है? वो चाहते हैं, आप भारत माता की जय के नारे न लगाएं। छठी मैया को पूजने वाली इस धरती पर, जंगलराज के साथी चाहते हैं कि भारत माता की जय के नारे न लगें। वो चाहते हैं, आप जय श्री राम भी न बोलें। बिहार के चुनाव प्रचार में मां भारती का जयकारा करना इन लोगों को रास नहीं आ रहा।


बिहार में एक कहावत है- सब कुछ खइनी, दुगो भुजा न चबइनी। यानी सबकुछ खाने के बाद भुंजा पर भी नजर है। कुछ लोग बिहार में इतना कुछ खाने के बाद भी राज्य को लालच भरी नजरों से देख रहे हैं। लेकिन बिहार की जनता जानती है कि कौन बिहार के विकास के लिए काम करेगा और कौन अपने परिवार के विकास के लिए काम करेगा। आज बिहार में परिवारवाद हार रहा है जनतंत्र फिर से हार रहा है।


पीएम ने कहा कि आज बिहार में रंगबाजी और रंगदारी हार रही है। विकास फिर से जीत रहा है। आज बिहार में अहंकार हार रहा है और परिश्रम जीत रहा है। आज बिहार में घोटाला हार रहा है और लोगों का हक जीत रहा है। आज बिहार में गुंडागर्दी हार रही है और कानून का राज लाने वाले जीत रहे हैं। बिहार वो दिन भूल नहीं सकता जब चुनाव को इनलोगों ने मजाक बनाकर रख दिया था। इनके लिए चुनाव का मतलब था चारो तरफ हिंसा, हत्याएं, बूथ कैप्चरिंग, बिहार के गरीबों से इन लोगों ने वोट देने का अधिकार तक छीन लिया। गरीबों को घर में कैद करके जंगलराज वाले उनके नाम से खुद वोट दिया करते थे। तब मतदान होता नहीं था, बस दिखता था। हकीकत में वोट की लूट होती थी। गरीब के हक की लूट होती थी। आज बिहार में हर वर्ग के लोगों को मतदान का असली ताकत एनडीए ने दिया है। आज किसी को भी अपने पसंद का उम्मीदवार चुनने का हक मिला है।

आज बिहार की महिलाएं कह रहे हैं कि घर वाले जो चाहे कहें लेकिन मैं तो मोदी के साथ चलूंगी। बिहार की हर मां, बिहार की हर बेटी आज हम सबको आशीर्वाद दे रही है, यही तो लोकतंत्र की ताकत है। अगर बिहार में पहले जैसी हालत होती तो गरीब का यह बेटा कभी भी प्रधानमंत्री नहीं बन पाता। आज जब गरीब को अपना अधिकार मिला है तो उसने देश की राजनीति की दिशा तय करने की कमान संभाल ली है। अब उसने सिर्फ अपना ही नहीं, देश के भविष्य और देश की आकांक्षा को पूरा करने में भी उतना ही भागीदार है।


पीएम ने कहा कि केवल अररिया में करीब 3.5 लाख महिलाओं के किचन तक गैस चूल्हा पहुंच चुका है। बिना किसी भेदभाव के सवा करोड शौचालय बनवाए गए। गरीब के घर में जब कोई गंभीर बीमारी घूस जाती है तो उस परिवार की पूरी पीढी तबाह हो जाती है। अब कोई गरीब अगर बीमार हुआ तो उसका बेटा दिल्ली में बैठकर उसकी चिंता करेगा। मेरा गरीब अब दवाई और डॉक्टर के बिना जिंदगी मौत के बीच नहीं उलझेगा, सरकार पांच लाख रुपये तक खर्च उठाएगी। जनता उनको पहचान चुकी है जिनका मकसद है किसी तरह लोगों को डराकर अपवाह फैलाकर समाज को बांटकर किसी भी तरह सत्ता हथिया लेना। इन्होंने यही सीखा है।


बिहार में कहा जाता है, ‘अनकर धन पाई, त नौ मन तौलाई’ अर्थात दूसरे का पैसा है तो जितना चाहे लूटो। ये लोग जनता के लिए आपके लिए काम नहीं कर सकते हैं। देश की जनता इन सबकी सच्चाई जान चुकी है। ऐसे ही झूठ बोलकर कांग्रेस के लोगों ने देश के लोगों को कितने सपने दिखाए। किसानों को कहते कर्ज माफ करेंगे, व्यापरियों से कहते टैक्स का जाल कम करेंगे, फौजियों से कहते वन रैंक वन पेंशन लागू करेंगे, लेकिन इनमें से एक भी काम नहीं किया। जनता ने इस कांग्रेस की हालत ऐसी बना दी है कि लोकसभा और राज्यसभा मिलाकर भी सौ सांसद नहीं हैं। देश के कई राज्यों ने कांग्रेस के एक भी सांसद को लोकसभा राज्यसभा पहुंचने नहीं दिया। कल्पना कर सकते हैं कि देश की जनता इनसे कितनी नाराज है। यूपी बिहार में कांग्रेस चौथे, पांचवे नंबर की पार्टी बन गई है।

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