नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज सदन में अपने अभिभाषण के दौरान मोदी सरकार 3.0 के विजन को सबके सामने रखा। राज्यसभा और लोकसभा के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने आपातकाल का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 25 जून 1975 को लागू किया गया आपातकाल देश के संविधान पर सीधा हमला था। द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि भारतीय संविधान ने पिछले दशकों में कई प्रकार की चुनौतियों को झेला है। इसके बाद भी संविधान की जीत हुई और आज भी संविधान बचा हुआ है।
Delhi: "In the coming months, India is set to complete 75 years as a democracy. India's constitution has faced every challenge and obstacle over the past decades. Even after the constitution was enacted, it has been attacked multiple times…The darkest chapter was the direct… pic.twitter.com/PM3sxO5Pz4
— IANS (@ians_india) June 27, 2024
राष्ट्रपति ने कहा जब आपातकाल लागू किया गया था तो पूरे देश में हंगामा मच गया। ऐसी संवैधानिक ताकतों के ऊपर मेरी सरकार भी भारतीय संविधान को सिर्फ शासन का माध्यम नहीं बना सकती, हम अपने संविधान को जनचेतना का हिस्सा बनाने का प्रयास कर रहे हैं। इसके साथ ही हमारी सरकार ने 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। जम्मू-कश्मीर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जहां धारा 370 के कारण स्थिति अलग थी, वहां भी अब हमारी सरकार ने पूरी तरह से संविधान लागू कर दिया है। आपको बता दें कि इससे पहले कल लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी सदन में आपातकाल की निंदा करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा था।
दिल्ली: लोकसभा में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा "सरकार का निरंतर प्रयास है कि देश के युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने का उचित अवसर मिले। सरकारी भर्ती हो या परीक्षाएं किसी भी कारण से इनमें रुकावट आए यह उचित नहीं है। इनमें पारदर्शिता बहुत ज़रूरी है। हाल ही में पेपर लीक की घटनाएं… pic.twitter.com/5Jkv50lMNc
— IANS Hindi (@IANSKhabar) June 27, 2024
नीट परीक्षा प्रश्न पत्र लीक पर मुर्मू ने कहा, सरकार का निरंतर प्रयास है कि देश के युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने का उचित अवसर मिले। सरकारी भर्ती हो या अन्य प्रतियोगी परीक्षाएं किसी भी कारण से इनमें रुकावट आए यह उचित नहीं है। इनमें पारदर्शिता बहुत ज़रूरी है। हाल ही में पेपर लीक की घटनाओं के दोषियों को सजा दिलाने के लिये सरकार प्रतिबद्ध है। परीक्षा में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार ने एक सख्त कानून बनाया है। इस मुद्दे पर दलीय राजनीति से ऊपर उठकर देशव्यापी उपाय करने की आवश्यकता है। सीएए का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति बोलीं कि मेरी सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून के तहत शरणार्थियों को नागरिकता देनी शुरू कर दी है। इससे बंटवारे से पीड़ित अनेक परिवारों को सम्मान के साथ जीवन जीने के रास्ते खुल गए हैं।