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Rahul Gandhi: यूपी में शर्मनाक हार के बाद अब राहुल गांधी ने किया खुलासा, मायावती से गठबंधन के लिए कहा था लेकिन उन्होंने…

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में लगातार करारी हार झेलने के बाद राहुल गांधी काफी निराश नजर आ रहे हैं। शनिवार को दिल्ली में दलितों पर लिखी एक किताब के विमोचन के दौरान कुबूल किया कि ”उन्हें राजनीति में कोई रूचि नहीं है। उन्होंने मायावती का जिक्र करते हुए ये भी कहा कि चुनाव से पहले कांग्रेस, बसपा के साथ गठबंधन करना चाहती थी। इतना ही नहीं कांग्रेस ने मायावती को सीएम पद का ऑफर भी दिया था, लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया। लेकिन इस बार वो चुनाव ही नहीं लड़ीं।” राहुल गांधी का कहना है कि ”मायावती ईडी और सीबीआई के डर अब चुनाव लड़ना नहीं चाहती हैं।” इस बारे में वो आगे कहते हैं कि ”हमारे मन में काशी राम के प्रति काफी सम्मान है। उन्होंने दलितों को मजबूत किया था। हालांकि, कांग्रेस कमजोर हुई है, लेकिन मुद्दा ये नहीं है। दलितों का सशक्त होना जरूरी है।”

लेकिन मायावती ने हथियार डाल दिए हैं, वो कहती हैं कि ”अब वो लड़ेंगी नहीं। खुला रास्ता दे दिया, वजह सीबीआई, ईडी, पेगासस। इसी कारण वो लड़ना नहीं चाहती हैं।” चुनाव के बाद राहुल गांधी का आया ये बयान काफी महत्वपूर्ण है। चुनावी नतीजों के बाद आया ये बयान काफई मायने रखता है। लेकिन सवाल ये भी बनता है कि क्या बसपा और कांग्रेस का गठबंधन होने के बाद पार्टी चुनाव जीत पाती। क्या दोनों पार्टियां तब बेहतर प्रदर्शन कर पातीं? गौरतलब है कि इस बार बसपा को 10 प्रतिशत वोट कम मिले थे। इस बार बसपा का वोट शेयर केवल 12 प्रतिशत रह गया था, जो 2017 में 22 प्रतिशत था। इसके अलावा मायावती का कोर वोटर जाटव भी बीजेपी के पक्ष में चला गया। ऐसे में उन्हें ना तो मुस्लिमों का वोट मिला, ना ब्राह्मणों का साथ और ना ही उन्हें जाटव का समर्थन मिल सका।

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