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With Whom NCP Will Go!: चाचा-भतीजे की जोड़ी ने बढ़ाई कांग्रेस समेत विपक्षी दलों की टेंशन, क्या बीजेपी के साथ जाने की है तैयारी?

एनसीपी चीफ शरद पवार और महाराष्ट्र के पूर्व डिप्टी सीएम अजित पवार। शरद पवार ने जहां अडानी के मसले पर जेपीसी गठित करने की कांग्रेस और अन्य कुछ विपक्षी दलों की मांग को बेतुका बता दिया। वहीं, अजित पवार ने ईवीएम को सही ठहरा दिया। दोनों की ये बयानबाजी विपक्ष के लिए टेंशन देने वाली है।

sharad pawar and ajit pawar

नई दिल्ली। चाचा और भतीजे की जोड़ी ने कांग्रेस समेत विपक्ष के अन्य दलों की टेंशन निश्चित तौर पर बढ़ा दी है। चाचा यानी एनसीपी चीफ शरद पवार और भतीजे यानी महाराष्ट्र के पूर्व डिप्टी सीएम अजित पवार। शरद पवार ने जहां अडानी के मसले पर जेपीसी गठित करने की कांग्रेस और अन्य कुछ विपक्षी दलों की मांग को बेतुका बता दिया। वहीं, अजित पवार ने ईवीएम को सही ठहरा दिया। चाचा और भतीजे की इस डबल ‘गुगली’ के बाद ये चर्चा शुरू हो गई है कि क्या शरद पवार की एनसीपी अब बीजेपी के साथ अपना भविष्य देख रही है?

शरद पवार ने न्यूज चैनल एनडीटीवी पर एक इंटरव्यू में कहा कि कांग्रेस और विपक्ष के लिए अडानी का मुद्दा उठाना ठीक नहीं रहेगा। उन्होंने बाद में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि अडानी के मुद्दे पर आम जनता को साथ लाना मुश्किल होगा। बल्कि किसान, बेरोजगार जैसे मुद्दे ज्यादा कारगर रहेंगे। शरद पवार ने जिस तरह अडानी मसले पर कांग्रेस के खिलाफ बात कही, उससे कांग्रेस के तमाम नेता नाराज भी हो गए। कांग्रेस की नेता अलका लांबा ने तो शरद पवार और गौतम अडानी की साथ बैठी फोटो ट्विटर पर साझा कर निशाना भी साधा। जब बीजेपी ने पूछा कि क्या अलका का ये बयान कांग्रेस का है, तो लांबा ने कहा कि ये उनकी निजी सोच है।

उधर, शरद पवार के अडानी पर दिए बयान की चर्चा हो ही रही थी कि अजित पवार ने ईवीएम का बम विपक्ष पर फोड़ दिया। अजित पवार ने कहा कि वो निजी तौर पर ईवीएम को सही मानते हैं। उनका कहना था कि ईवीएम के जरिए ही तमाम राज्यों में गैर बीजेपी विपक्ष की सरकारें बनी हैं। ऐसे में ईवीएम को गलत कहना ठीक नहीं है। बता दें कि विपक्ष के तमाम नेता ईवीएम हटाकर बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग लंबे समय से कर रहे हैं। खास बात ये भी है कि शरद पवार ने भी बीते दिनों ईवीएम के मसले पर ही विपक्ष के नेताओं की बैठक भी की थी।

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