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Maharashtra: मौके की नजाकत और भतीजे अजित के बयानों को समझ नहीं सके शरद पवार!, नतीजा सामने है

sharad pawar and ajit pawar

मुंबई। अजित पवार अपने चाचा और एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार को एक बार फिर गच्चा दे गए। 2019 में भी अजित ने देवेंद्र फडणवीस के साथ डिप्टी सीएम की शपथ ली थी, लेकिन शरद पवार के तीखे तेवर देख पार्टी में लौट गए थे। इस बार वो 40 विधायक समेत अलग हुए हैं। अजित पवार काफी दिनों से अपने बयानों के जरिए संकेत दे रहे थे कि यह दिन आने वाला है। अजित पवार लगातार पीएम नरेंद्र मोदी के पक्ष में बोल रहे थे। चाहे उनकी डिग्री पर उठ रहे सवाल हों या सरकार चलाने के तरीके और जनता में प्रसिद्ध होने के बारे में।

अजित पवार के इन बयानों को क्या शरद पवार समझ नहीं सके या उड़ती चिड़िया के पर गिनने का उनका पुराना दावा भतीजे ने ध्वस्त कर दिया! जिस दिन शरद पवार ने अपनी बेटी को आगे बढ़ाया, उसी दिन से अटकलें लग रही थीं कि अजित पवार खेल कर सकते हैं। पहले भी ऐसी अटकलें लगती रहीं। तब अजित पवार ने कहा था कि वो एनसीपी छोड़कर नहीं जाएंगे।

शायद उनको इंतजार था कि चाचा कल्याण जरूर करेंगे, लेकिन जब देखा कि शरद पवार ने अपनी बेटी सुप्रिया सुले को ही आगे बढ़ा दिया, तब आखिरी फैसला किया। बहरहाल, शरद पवार को इस घटना से कमजोर हुआ नहीं मानना चाहिए। क्योंकि मुश्किलों के ऐसे भंवर से वो पहले कई बार बाहर निकलकर दिखा चुके हैं।

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