मुंबई। अजित पवार अपने चाचा और एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार को एक बार फिर गच्चा दे गए। 2019 में भी अजित ने देवेंद्र फडणवीस के साथ डिप्टी सीएम की शपथ ली थी, लेकिन शरद पवार के तीखे तेवर देख पार्टी में लौट गए थे। इस बार वो 40 विधायक समेत अलग हुए हैं। अजित पवार काफी दिनों से अपने बयानों के जरिए संकेत दे रहे थे कि यह दिन आने वाला है। अजित पवार लगातार पीएम नरेंद्र मोदी के पक्ष में बोल रहे थे। चाहे उनकी डिग्री पर उठ रहे सवाल हों या सरकार चलाने के तरीके और जनता में प्रसिद्ध होने के बारे में।
NCP नेता अजित पवार ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में राजभवन में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली।#MaharashtraPolitics pic.twitter.com/9NxKwKkMd5
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 2, 2023
अजित पवार के इन बयानों को क्या शरद पवार समझ नहीं सके या उड़ती चिड़िया के पर गिनने का उनका पुराना दावा भतीजे ने ध्वस्त कर दिया! जिस दिन शरद पवार ने अपनी बेटी को आगे बढ़ाया, उसी दिन से अटकलें लग रही थीं कि अजित पवार खेल कर सकते हैं। पहले भी ऐसी अटकलें लगती रहीं। तब अजित पवार ने कहा था कि वो एनसीपी छोड़कर नहीं जाएंगे।
शायद उनको इंतजार था कि चाचा कल्याण जरूर करेंगे, लेकिन जब देखा कि शरद पवार ने अपनी बेटी सुप्रिया सुले को ही आगे बढ़ा दिया, तब आखिरी फैसला किया। बहरहाल, शरद पवार को इस घटना से कमजोर हुआ नहीं मानना चाहिए। क्योंकि मुश्किलों के ऐसे भंवर से वो पहले कई बार बाहर निकलकर दिखा चुके हैं।