बीड/नई दिल्ली। एनसीपी के मराठा नेता शरद पवार आज से महाराष्ट्र की यात्रा पर निकलने जा रहे हैं। वो मराठवाड़ा क्षेत्र के बीड से अपनी यात्रा शुरू करेंगे। वहीं, एनसीपी पर उनके और भतीजे अजित पवार के दावों की पड़ताल करने के लिए चुनाव आयोग ने भी कार्रवाई शुरू कर दी है। चुनाव आयोग ने शरद पवार से 3 हफ्ते में सबूत देने को कहा है। इन सबूतों के आधार पर ही चुनाव आयोग ये फैसला लेगा कि एनसीपी शरद पवार की है या अजित पवार की। पिछले दिनों जब एनसीपी में शरद पवार से अलग होकर अजित ने पार्टी पर कब्जा जमाने का एलान किया था, तो कम ही विधायक शरद पवार के साथ देखे गए थे।
अजित पवार की तरफ से एनसीपी को अपना बताने के बाद पार्टी के नेताओं और विधायकों की बैठक बुलाई गई थी। शरद पवार ने भी उसी दिन अपने गुट की बैठक बुलाई थी। अजित पवार की बैठक में 40 विधायक पहुंचे थे। जबकि, शरद पवार की बैठक में 13 विधायक ही थे। अजित पवार ने इसके बाद ही एनसीपी पर अपना दावा ठोकते हुए चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखी थी। वहीं, शरद पवार ने भी आयोग को चिट्ठी लिखकर एनसीपी अपने पास होने का दावा किया था। अब चुनाव आयोग ने शरद पवार से कहा है कि वो एनसीपी पर अपने दावे के पक्ष में सबूत दें। इन सबूतों के आधार पर ही आयोग आगे का फैसला करेगा कि पार्टी का नाम और उसका चुनाव चिन्ह अजित पवार को मिलेगा या शरद पवार के पास रहेगा।
अलग होने के बाद भी अपने भतीजे अजित पवार से शरद पवार की मुलाकात लगातार होती रही है। दोनों के बीच 5 बार मुलाकात हो चुकी है। हर बार शरद पवार ने यही कहा है कि ये पारिवारिक मसले पर मुलाकातें थीं, लेकिन अजित पवार और उनके साथी प्रफुल्ल पटेल ये भी कह चुके हैं कि वो साथ आने के लिए शरद पवार से आग्रह कर चुके हैं। वहीं, शरद पवार ने अजित के साथ खड़े होने से अब तक साफ इनकार किया है। उन्होंने ये भी कहा है कि बीजेपी को समर्थन नहीं देंगे। वहीं, अजित और शरद के बीच मुलाकातों पर महाविकास अघाड़ी के दूसरे दल उद्धव ठाकरे की शिवेसना-यूबीटी और कांग्रेस ने शरद पवार से भ्रम दूर करने की मांग की है।