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Joshimath: जोशीमठ में कुछ जगह 2 मीटर से ज्यादा हुआ भू धंसाव, वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से अंग्रेजी अखबार का खुलासा

JOSHIMATH

जोशीमठ। उत्तराखंड के जोशीमठ में दरार वाले मकानों की तादाद लगातार बढ़ने की खबर है। बताया जा रहा है कि अब तक 780 से ज्यादा मकानों में दरारें पड़ चुकी हैं। इनमें से 150 के करीब मकान काफी खतरनाक हो चुके हैं। वहीं, अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने एक अधिकारी के हवाले से काफी चिंताजनक खबर दी है। इस वरिष्ठ अफसर के हवाले से अखबार ने बताया है कि जोशीमठ में कई हिस्से 2 फिट से ज्यादा धंस चुके हैं। इससे पहले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला था कि जोशीमठ में 5.4 सेंटीमीटर का भू धंसाव हुआ है।

एनडीएमए के निर्देश के बाद इसरो ने इन तस्वीरों और जानकारी को अपनी वेबसाइट से हटा लिया। एनडीएमए ने सरकारी तंत्र को लिखा है कि जोशीमठ में भू धंसाव के बारे में मीडिया या आम नागरिकों को कोई जानकारी इस बारे में रिसर्च की रिपोर्ट आने तक न दें। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जोशीमठ के जेपी कॉलोनी के बैडमिंटन कोर्ट और आसपास के इलाके में 2 जनवरी से 2.2 मीटर का भू धंसाव हो चुका है। जबकि, मनोहर बाग के इलाके में 7 से 10 सेंटीमीटर का भू धंसाव होने का पता चला है।

इस अधिकारी ने बताया कि जोशीमठ में भू धंसाव ऊपर से नीचे की तरफ हो रहा है। जबकि, इसरो की सैटेलाइट तस्वीरों में क्षैतिज यानी एक किनारे से दूसरे किनारे तक भू धंसाव की जानकारी मिली थी। इस नजरिए से ये कम पाई गई थी। भूवैज्ञानिक एसपी सती ने अंग्रेजी अखबार से कहा कि किसी वजह से नीचे खोखलापन आ गया और जब तक ये जगह नहीं भरेगी, तब तक भू धंसाव का खतरा जोशीमठ में बरकरार रहेगा। उत्तराखंड के आपदा सचिव रंजीत सिन्हा ने सरकार को जो रिपोर्ट दी है, उसमें लिखा है कि 2 जनवरी को जेपी कॉलोनी में जो पानी का सोता फूटा था, उसके बाद ही मकानों में दरारें पड़ने का सिलसिला भी तेज हुआ।

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