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सोनिया गांधी ने कहा सब कुछ पूर्व नियोजित, इस्तीफा दें अमित शाह, प्रकाश जावड़ेकर ने दिया जवाब

नई दिल्ली। दिल्ली हिंसा को लेकर कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक आज हुई। बैठक में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह मौजूद रहे। बैठक में हिंसा के दौरान मरने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी गई।

बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि दिल्ली की मौजूदा हालात चिंताजनक है। एक साजिश के तहत हालात बिगड़े। बीजेपी नेताओं ने भड़काऊ भाषण दिए। चुनाव के दौरान नफरत फैलाया। दिल्ली की स्थिति के लिए केंद्र सरकार और गृह मंत्री अमित शाह जिम्मेदार हैं। गृह मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए।

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पूछा कि रविवार को गृह मंत्री कहां थे और क्या कर रहे थे? हिंसा वाली जगहों पर कितनी पुलिस फोर्स लगी? बिगड़ते हालात के बाद भी सेना की तैनाती क्यों नहीं की गई? दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल क्या कर रहे थे?

कांग्रेस द्वारा दिए गए इस बयान का जवाब देने केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर सामने आए और कहा कि कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने थोड़े समय पहले दिल्ली की हिंसा पर जो बयान दिया हैं, वो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है। उन्होंने आगे कहा कि अभी हिंसा समाप्त हो रही है, लोग जख्मी हैं और अस्पतालों में भर्ती हैं और अभी जांच की शुरुआत हुई है। ऐसे में सभी पार्टियों का कर्तव्य होता है कि शांति स्थायी हो, उसके बजाय सरकार पर दोषारोपण करना बहुत गन्दी राजनीति है।

जावड़ेकर ने आगे कहा कि आज बालाकोट के पराक्रम को एक साल हो रहा है, बालाकोट पर उन्होंने ऐसे ही सवाल उठाए थे। तीन साल पहले सर्जिकल स्ट्राइक पर भी इन्होंने ऐसे ही सवाल उठाए थे। देश के प्रयासों में मदद करने के बजाय वो केवल राजनीति करना चाहते हैं, जिसकी हम भर्त्सना करते हैं। अभी सबका एक मात्र कार्य है कि हिंसा पूर्ण रूप से रुके और स्थायी शांति हो, चर्चा के लिए तो संसद का सत्र है, वहां चर्चा कर सकते हैं। जिनके हाथ सिखों के नरसंहार से रंगे हों, वो यहां हिंसा रोकने में सफलता या असफलता की बात कर रहे हैं।

जावड़ेकर ने आगे कहा कि कांग्रेस पूछ रही है कि अमित शाह कहां थे? अमित शाह ने कल सभी दलों की बैठक ली, जिसमें AAP पार्टी के साथ-साथ कांग्रेस दल के नेता भी उपस्थित थे। लेकिन कांग्रेस की ऐसी टिप्पणियों से पुलिस का मनोबल गिरता है। हमारा विश्वास है कि पुलिस जांच में सच्चाई सामने आएगी कि किसने पत्थर भर के तैयारी की, किसने गोली चलाई, किसने वाहनों में आग लगायी और कौन पिछले 2 महीने से उकसा रहा था।

नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में हिंसा के चलते तनाव बरकरार है। हिंसा में मरने वालों की संख्या 20 तक जा पहुंची है, तो वहीं करीब 200 लोग घायल बताए जा रहे हैं।

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