नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क ने उत्तर प्रदेश राज्य में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के कार्यान्वयन पर अपना कड़ा विरोध जताया है। डॉ. बर्क का बयान राज्य में यूसीसी की संभावित शुरूआत के बारे में चल रही चर्चाओं और बहस के बीच आया है। डॉ. बर्क ने यूसीसी को लागू करने के संभावित परिणामों के बारे में चिंता व्यक्त की और कहा कि इस तरह के कदम से देश पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। उन्होंने तर्क दिया कि राष्ट्र की भलाई में योगदान देने के बजाय, यह मौजूदा चुनौतियों को बढ़ा सकता है। उन्होंने आगे तर्क दिया कि इस प्रकृति के मुद्दे उठाना निरर्थक साबित हो सकता है।
मुस्लिम समुदाय की वर्तमान स्थिति और विभिन्न धर्मों के बीच धार्मिक रीति-रिवाजों और प्रथाओं की विविधता पर प्रकाश डालते हुए, डॉ. बर्क ने सभी के लिए एक ही कानून लागू करने की आवश्यकता पर सवाल उठाया। उन्होंने सुझाव दिया कि सभी नागरिकों पर, उनकी धार्मिक मान्यताओं की परवाह किए बिना, एक समान कानूनी ढांचा लागू करने के इस प्रयास को शायद अच्छी प्रतिक्रिया नहीं मिलेगी।
अपनी आलोचना जारी रखते हुए, एसपी सांसद ने तर्क दिया कि इस तरह के प्रतिबंध संभावित रूप से पूरे देश को नुकसान पहुंचा सकते हैं। उन्होंने दावा किया कि अन्य धार्मिक पृष्ठभूमि के व्यक्ति भी इस विचार के विरोध में थे, जो इस मामले पर आम सहमति की कमी का संकेत देता है। डॉ. बर्क ने इस बात पर जोर दिया कि इसे एक राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए और गंभीर चिंताओं पर अधिक व्यापक ध्यान देने का आह्वान किया।
यूपी में यूसीसी लागू करने को बढ़ रहे सरकार के कदमों के बीच संभल सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा कि ऐसे मसलों को छेड़ने से कोई फायदा नहीं होगा सभी के मजहब अलग अलग हैं सभी के रस्मोरिवाज भी अलग अलग हैं सिवाय इस बात के कि हिंदू मुसलमान परेशान हों यूसीसी को सियासत में क्यों घसीटा जा… pic.twitter.com/uACkmXqsVn
— mishikasingh (@mishika_singh) September 3, 2023
डॉ. बर्क ने सरकार से आग्रह किया कि वह गरीबी, बेरोजगारी और मुद्रास्फीति जैसे गंभीर मुद्दों पर अपना ध्यान केंद्रित करे, जो देश को प्रभावित कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव नजदीक आने के साथ, उन्होंने सुझाव दिया कि यूसीसी जैसे मुद्दों पर सरकार का वर्तमान जोर राजनीति से प्रेरित प्रतीत होता है। उन्होंने ऐसे विषयों को महज राजनीतिक मोहरे के रूप में इस्तेमाल करने के प्रति आगाह किया, क्योंकि यह देश की प्रगति में योगदान नहीं देगा।