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Politics: राष्ट्रपति चुनाव से पहले विपक्ष की एकता में फिर दरार के संकेत, राहुल गांधी के मुद्दे पर भिड़ीं कांग्रेस और ममता की पार्टी

rahul mamata sonia

नई दिल्ली। टीएमसी चीफ ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष में एकता की खातिर बैठक बुलाई है, लेकिन उससे पहले ही इस एकता की राह में दरार आती दिख रही है। इसकी वजह राहुल गांधी बने हैं। राहुल की वजह से कांग्रेस और ममता की टीएमसी आपस में भिड़ गई हैं। दरअसल, हुआ ये है कि ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी से जब कोयला घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय ED ने पूछताछ की थी, तो कांग्रेस ने उसका स्वागत किया था। अब राहुल से ईडी पूछताछ कर रही है, तो ममता की पार्टी के नेताओं ने तंज कसा है। इसपर कांग्रेस की तरफ से पलटवार किया गया है।

अब आपको बताते हैं कि पूरा माजरा आखिर है क्या। टीएमसी ने राहुल गांधी से ईडी की पूछताछ के दौरान कांग्रेस के प्रदर्शन को गैरजरूरी बताते हुए कहा कि कानून को काम करने देना चाहिए। टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि जब अभिषेक बनर्जी से ईडी ने पूछताछ की थी, तो कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने इसका स्वागत करते हुए ऐसा ही रुख अपनाया था। घोष ने मीडिया से कहा कि अगर अधीर रंजन का यही रुख है, तो उन्हें आदर्श स्थिति में राहुल के साथ ईडी दफ्तर जाना चाहिए था। टीएमसी प्रवक्ता के इसी बयान से कांग्रेस के नेताओं का पारा चढ़ गया। कांग्रेस की त्रिपुरा इकाई के अध्यक्ष बिरजित सिन्हा ने कहा कि राहुल के विपरीत टीएमसी सांसद कई मामलों में आरोपी थे और दोनों की तुलना नहीं हो सकती।

बिरजित सिन्हा ने आरोप लगाने के अंदाज में ये भी कहा कि देश जानता है कि दीदी यानी ममता बनर्जी ने भतीजे को बचाने के लिए अंदरखाने पीएम मोदी से हाथ मिला लिया। राहुल गांधी को ईडी ने तलब जरूर किया, लेकिन वो भ्रष्टाचार में लिप्त नहीं हैं। इन्हीं बयानबाजी की वजह से टीएमसी और कांग्रेस के बीच दरार पटने की कोशिशें नाकाम होने के कयास अब लग रहे हैं। बता दें कि ममता ने राष्ट्रपति चुनाव पर रणनीति बनाने के लिए विपक्षी दलों की बैठक बुलाई है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ममता को फोन कर एकता की बात भी कही थी, लेकिन अब राहुल के मसले पर दोनों पार्टियां आपस में उलझती दिख रही हैं।

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