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Bharuch Lok Sabha Seat: आम आदमी पार्टी को कांग्रेस ने दी गुजरात की भरूच लोकसभा सीट, अब सबकी नजर अहमद पटेल के बेटे के अगले कदम पर; फैसल पहले जता चुके हैं अपनी दावेदारी

ahmed patel

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच दिल्ली, गुजरात, गोवा, हरियाणा और चंडीगढ़ की लोकसभा सीटों का बंटवारा हो गया है। इस बंटवारे में गुजरात की भरूच लोकसभा सीट आम आदमी पार्टी के खाते में गई है। गुजरात में 2 सीटों पर आम आदमी पार्टी लोकसभा चुनाव लड़ने वाली है। भरूच की सीट आम आदमी पार्टी के खाते में जाने से गुजरात कांग्रेस में नया घमासान छिड़ने के आसार हैं। इसकी वजह कांग्रेस के दिग्गज नेता और गांधी खानदान के करीबी रहे अहमद पटेल के बेटे हैं। अहमद पटेल भरूच सीट से चुनाव लड़ते रहे और अब उनके बेटे फैसल पटेल भरूच की सीट पर दावा ठोक रहे हैं। अहमद पटेल और उनकी बहन मुमताज ने शुक्रवार से ही भरूच सीट पर अपने परिवार के दावे को सार्वजनिक किया था। देखिए अहमद पटेल के बेटे फैसल का शुक्रवार का वो ट्वीट, जिसमें उन्होंने राहुल गांधी और भरूच सीट को लेकर अपने मन की बात रखी थी।

आम आदमी पार्टी के खाते में भरूच लोकसभा सीट जाने के बाद अब फैसल की बहन मुमताज ने ट्वीट किया है। मुमताज ने निराशा जताते हुए अपने समर्थकों से क्या कहा है, ये पढ़िए।

अहमद पटेल जब तक जीवित रहे, वो सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार थे। सोनिया गांधी का राजनीतिक सलाहकार होने के नाते अहमद पटेल कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में सबसे ऊपर शुमार किए जाते थे। उनके निधन के बाद अब बेटे फैसल और उनकी बहन लगातार भरूच के लोगों के बीच जाते रहे और उनका दावा ये है कि इस सीट को आम आदमी पार्टी को नहीं दिया जाना चाहिए। वहीं, आम आदमी पार्टी भरूच सीट पर अपने प्रत्याशी को उतारने पर अड़ी रही और उसने कांग्रेस आलाकमान यानी गांधी परिवार को इसके लिए मना भी लिया। ऐसे में देखना ये है कि अहमद पटेल के बेटे फैसल पटेल और उनकी बहन अब क्या कदम उठाते हैं।

कांग्रेस इससे पहले यूपी में समाजवादी पार्टी के हाथ फर्रुखाबाद की लोकसभा सीट भी गंवा चुकी है। जबकि, कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शामिल और पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद फर्रुखाबाद से ही सांसद रहते आए। खास बात ये है कि सलमान खुर्शीद कांग्रेस की उस टीम में हैं, जिसने यूपी में लोकसभा सीटों के बंटवारे को लेकर समाजवादी पार्टी से बातचीत की। अब सलमान खुर्शीद भी अपनी सीट सपा के पास जाने पर नाराज बताए जा रहे हैं। हालांकि, 2014 और 2019 में जब वो लोकसभा चुनाव लड़े थे, तब उनको हार का सामना करना पड़ा था।

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