नई दिल्ली। 9 महीने के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार अब सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर अंतरिक्ष से धरती पर वापसी के लिए रवाना हो चुके हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुनीता विलियम्स की घर वापसी से पहले उनके नाम एक पत्र लिखा है। ‘देश की बेटी’ के नाम लिखे पत्र में मोदी ने कहा है कि आप भले ही हजारों मील दूर हैं लेकिन हमारे दिलों के करीब हैं। इसके साथ ही पीएम ने सुनीता विलियम्स को धरती पर लौटने के बाद भारत आने का भी न्योता दिया है।
<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”en” dir=”ltr”>As the whole world waits, with abated breath, for the safe return of Sunita Williams, this is how PM Sh <a href=”https://twitter.com/narendramodi?ref_src=twsrc%5Etfw”>@narendramodi</a> expressed his concern for this daughter of India.<br>“Even though you are thousands of miles away, you remain close to our hearts,” says PM Sh Narendra Modi’s… <a href=”https://t.co/MpsEyxAOU9″>pic.twitter.com/MpsEyxAOU9</a></p>— Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) <a href=”https://twitter.com/DrJitendraSingh/status/1901914697504637296?ref_src=twsrc%5Etfw”>March 18, 2025</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>
मोदी ने कहा, मैं भारत के लोगों की ओर से आपको शुभकामनाएं भेज रहा हूं। पीएम ने लिखा कि आपकी मां बोनी पांड्या आपकी सुरक्षित वापसी के लिए बेसब्री से इंतजार कर रही हैं और मुझे विश्वास है कि दिवंगत दीपक भाई की दुआएं भी आपके साथ हैं। मोदी ने सुनीता के साथ अपनी मुलाकात का भी जिक्र किया। उन्होंने लिखा, मुझे याद है जब मैं 2016 में अमेरिका की यात्रा पर गया था तो आपसे मुलाकात हुई थी। अब देश की महान बेटी का स्वागत करना भारत के लिए खुशी की बात होगी। नरेंद्र मोदी ने यह भी बताया कि जब मैं राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप औ जो बाइडेन से मिला था तब उनसे भी आपके बारे में बात की थी।
प्रधानमंत्री ने अंतरिक्षयात्री माइक मैसिमिनो के जरिए सुनीता विलियम्स को यह पत्र भेजा था। इस पत्र को केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया के जरिए साझा किया है। मोदी ने एक मार्च को यह पत्र लिखा था। जिसमें उन्हेांने एस्ट्रोनॉट माइक मैसिमिनो से हुई अपनी मुलाकात के बारे में बताया था। मोदी ने लिखा था कि माइक मैसिमिनो के साथ बातचीत के दौरान आपका नाम आया और हमने उन्हें बताया कि आपके कार्यों पर हमें कितना गर्व है। इस चर्चा के बाद मैं आपके नाम पत्र लिखने से खुद को रोक नहीं पाया।