बीजिंग। चीन ने भारत से रिश्तों पर अहम बयान दिया है। भारत के एनएसए अजित डोभाल और विदेश मंत्री वांग यी के बीच विशेष प्रतिनिधि स्तर की बैठक से पहले चीन का बयान आया है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा है कि उनका देश भारत के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने ये भी कहा कि रूस के कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बनी सहमति के आधार पर सभी प्रतिबद्धताओं का सम्मान भी करेंगे। लिन जियान ने कहा कि भारत और चीन के नेताओं के बीच बनी आम सहमति को हकीकत में बदलने और संबंधों को पटरी पर लाने के लिए भारत के साथ मिलकर उनका देश काम करेगा।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत और चीन एक-दूसरे के हितों का सम्मान करें। साथ ही बातचीत के जरिए आपसी भरोसे को भी और मजबूत करने पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने जोर दिया। भारत और चीन के बीच साल 2020 में उस वक्त बहुत तनाव हो गया था, जब पड़ोसी देश की सेना ने पूर्वी लद्दाख में घुसपैठ की कोशिश की। पूर्वी लद्दाख में घुसपैठ की कोशिश कर रही चीन की सेना के साथ गलवान घाटी में भारतीय सेना का संघर्ष भी हुआ। इस संघर्ष में चीन के 40 से ज्यादा जवान मारे गए और भारतीय सेना के कर्नल समेत 20 जवान शहीद हुए। फिर एलएसी पर चीन और भारत की फौज आमने-सामने आ गईं। अक्टूबर 2024 में ही चीन और भारत ने एलएसी पर तनाव घटाने और फौज हटाने का समझौता किया। अब अजित डोभाल बीजिंग में और बातचीत करने गए हैं।
भारत और चीन के बीच विशेष प्रतिनिधि स्तर की बातचीत आखिरी बार 2019 में हुई थी। भारत और चीन ने सीमा विवाद को सुलझाने के लिए विशेष प्रतिनिधि बनाए हैं। मोदी सरकार के दौर में भारत के विशेष प्रतिनिधि एनएसए अजित डोभाल हैं। जबकि, शी जिनपिंग ने अपने विदेश मंत्री वांग यी को भारत से बातचीत करने के लिए विशेष प्रतिनिधि नियुक्त कर रखा है। भारत और चीन के विशेष प्रतिनिधियों के बीच आज बातचीत होनी है। इसमें संबंधों को और मजबूत करने पर चर्चा के बाद कोई समझौता हो सकता है।