News Room Post

बाबरी विध्वंस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने दी अगली डेडलाइन, कहा 30 सितंबर तक फैसला सुनाए सीबीआई कोर्ट

नई दिल्ली। अयोध्या (Ayodhya) स्थित बाबरी ढांचा विध्वंस (Babri demolition) मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने लखनऊ की सीबीआई ट्रायल कोर्ट (CBI Trial Court) को फैसला सुनाने के लिए एक महीने का समय दिया है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने ट्रायल कोर्ट को फैसला सुनने के लिए एक महीने का समय बढ़ाते हुए 30 सितंबर तक का समय दिया है। बता दें कि इस केस में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और अन्य नेताओं को आरोपी बनाया गया है।

अयोध्या बाबरी विध्वंस मामले में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने 24 जुलाई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विशेष जज के सामने अपना बयान दर्ज करवाया था। इस दौरान देश के पूर्व उप-प्रधानमंत्री ने अपने खिलाफ लगे सभी आरोपों को खारिज कर दिया था।

उन्होंने उस समय की केंद्र सरकार को अपने खिलाफ लगे आरोपों के लिए जिम्मेदार ठहराया था। इस मामले में खुद को निर्दोष करार देते हुए आडवाणी ने कहा था कि उन पर लगाए गए आरोप राजनीति से प्रेरित थे।

गौरतलब है कि अयोध्या में छह दिसंबर 1992 को ‘कारसेवकों’ ने ढांचा ढहा दिया था। उनका दावा था कि बाबरी ढांचा की जगह पर राम का प्राचीन मंदिर हुआ करता था। राम मंदिर आंदोलन का नेतृत्व करने वाले लोगों में आडवाणी और जोशी भी शामिल थे।

छह दिसम्बर 1992 को विवादित ढांचा विध्वंस के इस मामले में पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, पूर्व केन्द्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, भाजपा नेता विनय कटियार, महंत नृत्य गोपाल दास और साध्वी रितम्बरा समेत कुल 32 अभियुक्त हैं।

Exit mobile version