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New Parliament Building Inauguration: नए संसद भवन के उद्घाटन में मोदी सरकार के साथ खड़े हुए ये 4 विपक्षी दल, एनडीए ने बहिष्कार करने वालों को लपेटा

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नई दिल्ली। नए संसद भवन का उद्घाटन 28 मई को होना है। नए संसद भवन का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी करेंगे। इसके खिलाफ 19 विपक्षी दल एक हो गए हैं। इन दलों का कहना है कि पीएम मोदी के हाथ नए संसद भवन का उद्घाटन कराना राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अपमान है। विपक्षी दल साथ ही इसे महिला और आदिवासी का अपमान भी बता रहे हैं, लेकिन इस मामले में भी विपक्ष एकजुट नहीं है। तीन विपक्षी दलों बीजू जनता दल (बीजेडी), वाईएसआरसीपी, मायावती की बीएसपी और शिरोमणि अकाली दल ने नए संसद भवन के कार्यक्रम में हिस्सा लेने का एलान किया है। चारों ही दलों ने साफ कहा है कि नए संसद भवन का उद्घाटन एक ऐतिहासिक मौका है और इसमें सियासत और विरोधी विचारों की कोई जगह नहीं है।

बीजेडी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सस्मित पात्रा ने बयान जारी कर कहा है कि नया संसद भवन 140 करोड़ देशवासियों का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने कहा है कि जिन मुद्दों को उठाया जा रहा है, उन पर सदन के भीतर भी चर्चा हो सकती है। सस्मित पात्रा ने कहा है कि ऐसे में बीजेडी ने तय किया है कि वो नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में हिस्सा लेगी।

वहीं, वाईएसआरसीपी के प्रमुख और आंध्र प्रदेश के सीएम जगनमोहन रेड्डी ने भी बयान जारी कर सभी विपक्षी दलों से नए संसद भवन के उद्घाटन के मौके पर आने की अपील की है। जगनमोहन रेड्डी ने कहा कि इस पवित्र मौके का बहिष्कार करना लोकतंत्र के हित में नहीं है। उन्होंने भी कहा है कि वाईएसआरसीपी नए संसद भवन के उद्घाटन में हिस्सा लेगी।

पहले एनडीए का हिस्सा रही और अब विपक्ष में बैठे शिरोमणि अकाली दल ने भी नए संसद भवन के उद्घाटन में हिस्सा लेने का एलान किया है। अकाली दल की तरफ से बताया गया है कि पार्टी के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल इस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। इससे पहले बीजेपी नीत एनडीए गठबंधन ने बयान जारी कर विपक्षी दलों के नए संसद भवन उद्घाटन के बहिष्कार पर जमकर आलोचना की थी। एनडीए ने बयान में बताया था कि किस तरह कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने पहले संसद और राष्ट्रपति का अपमान किया।

कुल मिलाकर नए संसद भवन के उद्घाटन पर सियासत गरम है। पीएम नरेंद्र मोदी भी देश लौट आए हैं। ऐसे में अब सबकी नजर इस पर है कि क्या कुछ ऐसा सियासी खेल बीजेपी और मोदी सरकार की तरफ से होता है, जिससे और विपक्षी दल भी बहिष्कार खत्म कर नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल हों।

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